2004 में बुरी तरह फेल हुई थी एक्सिट पोल
एक्सिट पोल में इस बार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में ही नहीं दिख रही है बल्कि पुर्णतः बहुमत के साथ आती दिख रही है, पर 2004 के लोक सभा चुनाव में सारी एक्सिट पोल की सभी एजेंसियों के आंकलन पर पानी फिर गया था। सारी एजेंसियों ने औसतन 250 से 260 सीटें एनडीए को दी थी। लेकिन मतगणना के दिन एनडीए 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। एनडीए 189 सीटों तक सिमट कर रह गई थी। भाजपा को 138 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। जबकि इसी चुनाव में कांग्रेस को 222 सीटें मिली थी। बाद में कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
2009 में बुरी तरह फेल हुई थी एक्सिट पोल
2009 का लोकसभा चुनाव भी एक तरह से एक्सिट पोल एजेंसियों का फेल रहा था। इस चुनाव में एजेंसियों ने कांग्रेस को एवं सहयोगी दलों को 199 और एनडीए को 197 सीटें दी थीं। जबकि कांग्रेस गठबंधन जबरदस्त बढ़त लेते हुए 262 सीटें हासिल कर ली। एनडीए 159 सीटों पर सिमट कर रह गई थी।
बिहार विधान सभा चुनाव फेल हुई थी एक्सिट पोल
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी फेल हुई थी एक्सिट पोल। सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा गठबंधन को को जदयू और राजद गठबंधन से अधिक सीटें दिखाई गयी थी, लेकिन नतीजे ठीक उलट आए थे। बीजेपी+ 58 सीटों पर सिमट गई, जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटों के साथ सत्ता की कुर्सी पर बैठी थी।
दिल्ली के चुनाव में एग्जिट पोल का अनुमान हो गया था फेल
2015 में हुए विधान सभा चुनाव के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (आप) को 31 से लेकर 53 सीटें तक मिलने का अनुमान जाहिर किया गया था। बीजेपी को 17-35 सीटें दी थीं। जबकि नतीजों में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिलीं। बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें और कांग्रेस का सफाया हो गया था।
छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव 2018 में हुआ बुरा हाल
2018 में हुए छत्तीसगढ़ में हुए विधान सभा चुनाव में एग्जिट पोल में बीजेपी को औसतन 40 सीटें और कांग्रेस को 46 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था, पर नतीजे हैरान करने वाले आए। बीजेपी महज 15 सीटें और कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज की।