देश जहां चारों ओर मोदी के जीत के रंग में रंगा हुआ है। इसी बीच एक शख्स की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिनका नाम प्रताप चंद्र सारंगी है। सारंगी ने इसबार के लोकसभा चुनाव में ओडिशा के बालासोर से जीत हासिल की है।
जनता उन्हें ‘ओडिशा का मोदी’ कह रही है। सांसद का चुनाव जीतने से पहले प्रताप सारंगी ओडिशा के नीलगिरी विधानसभा सीट से विधायक थे। वो 2004 और 2009 में यहां से दो बार विधायकी का चुनाव जीते हैं। इससे पहले सारंगी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन वो मोदी लहर के बावजूद हार गए थे। कहा जाता है कि वो नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। मोदी जब भी ओडिशा आते हैं, तो सारंगी से मिले बिना नहीं जाते .प्रताप सारंगी का जन्म नीलगिरी के गोपीनाथपुर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ। 4 जनवरी 1955 जन्मे सारंगी ने स्थानीय फकीर कॉलेज से स्नातक किया है। लोग कहते हैं की प्रताप सारंगी बचपन से आध्यात्मिक थे। वो रामकृष्ण मठ में साधु बनना चाहते थे। इसके लिए वो कई बार मठ भी गए थे। लेकिन जब मठ वालों को पता लगा कि उनके पिताजी का देहांत हो चुका है और उनकी मां अकेली हैं, तो मठ वालों ने उन्हें मां की सेवा करने की सलाह दी।
प्रताप सारंगी ने मां की सेवा करने के साथ जनसेवा भी करनी शुरु कर दी। उन्होंने बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी इलाकों में कई स्कूल बनवाएं हैं। साल 2014 के चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक सारंगी के पास कुल दस लाख की संपत्ति है। संन्यासी की तरह जीवन जीने वाले सारंगी धर्म और आस्था में भी गहरी रुचि रखते हैं।