एस डी मीडिया वर्ल्ड के तत्वावधान में कला उत्सव का भव्य आयोजन, नृत्य और संगीत ने दर्शकों का किया खूब मनोरंजन

kala-utsav
पटना। एस डी मीडिया वर्ल्ड के तत्वावधान में राजधानी पटना स्थित अनीसाबाद के उड़ान टोला मुहल्ले के श्री बड़ी महा सरस्वती स्थान में कला उत्सव का आयोजन किया गया | युवा पत्रकार अभिषेक कुमार सिंह के द्वारा संचालित कला उत्सव में स्थानीय बच्चों ने अद्भुत कला का प्रदर्शन किया | बतौर अतिथि समाजसेवी बुल्लू जी, पत्रकार और समाजसेवी मधुप मणि “पिक्कू” और सीएससी ई गवर्नेंस के राज्य परियोजना प्रबंधक मुदित मणि उपस्थित थें | जज और अतिथि के तौर पर गायन एवं वादन गुरु अनिल कुमार सिन्हा ने समारोह में बच्चों के द्वारा प्रस्तुत  कला की जमकर तारीफ की | कला उत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय बाल कलाकारों ने संगीत और नृत्य प्रतियोगता में भाग लिया | बच्चों की अद्भुत प्रस्तुति से अतिथियों सहित उपस्थित दर्शकों का भी खूब मनोरंजन हुआ | गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया एस रजा स्कूल की ज्ञान सुधा ने वहीँ दुसरे स्थान पर बी.डी. पब्लिक स्कूल के ऋतू राज और तीसरे स्थान पर सन बीम हाई स्कूल की अंजलि कुमारी रहीं | वहीं नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला शिवम् कान्वेंट स्कूल की श्वेता कुमारी को तो दुसरे स्थान पर विद्या मंदिर की अर्चना कुमारी और तीसरे स्थान पर शिवम् कान्वेंट स्कूल की अंशिका रहीं |
saraswati-maa
पिछले 24 वर्षों से मयंक प्रतिमा का निर्माण और पूजन कर रहे हैं 
श्री महा सरस्वती स्थान में गुप्त नवरात्री पूजा का आयोजन प्रति वर्ष आयोजक मयंक के द्वारा किया जाता है जहाँ वे स्वयं की बनाई हुई भव्य और अलौकिक प्रतिमा की पूजा करते हैं | मयंक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं | इस पूजा में पिछले दिनों बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव स्वयं आकर मयंक को शुभकामना दिए थें | आपको बताते चलें कि इस भव्य प्रतिमा को बनाने के लिए मयंक महीनों पहले से तैयारी करते हैं | पिछले 24 वर्षों से मयंक प्रतिमा का निर्माण और पूजन कर रहे हैं|
mayank
मयंक का परिचय
किसकी करूं मैं पूजा तेरे इस जहां में, एक तू है जो मिट्टी से इंसान बनाती है और एक ये है जो मिट्टी से तुझे…चंद शब्दों के मेल से बना यह शेर सरस्वती भक्त मयंक की कलाकारी को बिल्कुल सटीक है। ऐसा कलाकार जिसे विरासत में कोई कला नहीं मिली, जिसने अपने लगन और जज्बे से ये साबित कर दिया कि इंसान अगर चाह ले तो कुछ भी संभव है। मयंक ने महज 7 साल के उम्र से ही मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने की ठानी और बिना किसी प्रशिक्षण के उसने अपनी मंजिल पा ली। मयंक लगातार 24 वर्षो से हरेक साल मां सरस्वती की एक प्रतिमा बनाकर खुद से  पूजा करता है। पटना के अनिसाबाद इलाके में रहने वाले मयंक शुरू से ही देवी भक्ति में रमे रहे। अपने हमउम्र लोगों के बीच मयंक को एक दोस्त की कमी सताती थी। ऐसे में मुर्तियों के सामने बैठकर वे घंटों एक टक उसकी बारीकियों को देखते थे। मयंक ने कहा कि मूर्तियों के सामने बैठने से उन्हें सुकून मिलता था। एक दिन उसके मन में ख्याल आया कि क्यों न वो खुद से मूर्ति बनाए और मां सरस्वती की पूजा करे। उसने इसी इच्छा के साथ मूर्तिकला में रमते चले गए और उनमें और निखार आया। बचपन से मयंक पढ़ाई में भी अच्छे रहे। उन्होंने साल 2012 में अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी की और पटना लौट आए, उन्होंने कही और काम करने के बजाए  खुद का काम करना  बेहतर माना और एक प्रोडक्शन हाउस  भी खोल । मयंक का यह मूर्ति प्रेम आज लोगों के बीच मिसाल बना हुआ है।
Advertisement
ccp-adv2-copyimg-20180127-wa0012

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *