आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर एक बार फिर वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका। जैसा अनुमान लगाया जा रहा था कि चीन एक बार फिर वैसा ही किया। चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर के खिलाफ फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों ने प्रस्ताव दिया था.अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से मौलाना मसूद अजहर पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
इस प्रस्ताव में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर हथियारों के व्यापार और वैश्विक यात्रा से जुड़े प्रतिबंध लगाने के साथ उसकी परिसंपत्तियां भी ज़ब्त की जाएं।हालांकि, इस मामले में सभी की नजरें चीन पर लगी हुई थीं क्योंकि वह पहले भी मसूद अजहर को बचा चुका है। चीन ने सोमवार को भी चीन ने अपनी अलग ही प्रतिक्रिया दी थी। चीन ने मसूद अज़हर मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि केवल बातचीत के ज़रिए ही इसका ‘जिम्मेदार समाधान’ निकल सकता है।