उपेक्षा का दंश झेल रहा है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

संजय कुमार पांडे, वाल्मीकि नगर पश्चिमी चंपारण।

फोटो, 17 अप्रैल

बाल्मीकि नगर – प्रकृति की गोद में बसा वाल्मीकि नगर में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आजकल उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है। स्वास्थ्य केंद्र के अंदर पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है और गंदगी का माहौल इतना है कि जो मरीज है और मरीज बन जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नजारा देखने पर थोड़ा भी महसूस नहीं होता है कि यहां मरीजों का इलाज होता है।

एक्सरे मशीन से मरीजों को नहीं है कोई फायदा

एक्स रे मशीन से मरीजों का कोई फायदा नहीं है कई महीनों से एक्स रे मशीन बिगड़ा पड़ा है। इस बाबत पूछे जाने पर आयुष चिकित्सक संजय कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई महीनों से एक्सरे मशीन खराब है विभाग के बड़े अधिकारियों की इसकी सूचना दी गई मगर आज तक कोई जवाब नहीं मिला और ना ही एक्स रे मशीन का सुधार किया गया। उनसे पूछा गया कि महिला चिकित्सकों का क्या स्थिति है ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोई महिला चिकित्सक नहीं है, एएनएम के पद पर दो महिलाएं कार्यरत है उसी से महिलाओं के इलाज का काम चलाया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर हम लोग एएनएम का मदद करते हैं। बताते चलें कि मुख्य चिकित्सक के पद पर पदस्थापित नवनियुक्त डॉक्टर सुमित कुमार हैं जो आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नहीं थे। उनके स्थान पर डॉ संजय कुमार सिंह अपने कर्तव्य पर उपस्थित थे। उनसे पूछा गया कि स्वास्थ्य केंद्र के अंदर भेड़ बकरियां घूम रही है और बैठ कर गंदगी फैला रही है क्या स्वास्थ्य केंद्र में कोई आदेशपाल नहीं है जो उन्हें भगा सके के जवाब में उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

सप्ताहिक टीकाकरण की है व्यवस्था

इस बाबत जानकारी देते हुए आयुष चिकित्सक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में सप्ताहिक टीकाकरण की व्यवस्था है। प्रत्येक बुधवार को रूबेला खसरा का टीकाकरण किया जाता है और जरूरत की दवाएं भी कुछ उपलब्ध है, लेकिन अभी उसमें भी बहुत कमियां दिखाई दे रही है। जिसके बारे में हम लोगों ने उसे अधिकारियों को सूचना दे दी गई है जल्द ही और भी दवाओं का व्यवस्था किया जाएगा। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि बाल्मीकि नगर में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालात ठीक-ठाक नहीं है। अगर कोई इमरजेंसी हो जाए तो मरीजों का उचित इलाज नहीं किया जा सकता है। 3 से 4 बेड वाली यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज तक उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है।

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