इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन एवं स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट तथा सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट का शिलान्यास हुआ

पटना, 17 मई 2018:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन एवं स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट तथा सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट का शिलान्यास किया। इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 1 करोड़ 56 लाख रूपये की लागत से 300 किलोवाट क्षमता वाला सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट स्थापित होगा। प्रशासनिक भवन में ही लगे आई0जी0आई0एम0एस0 के मास्टर प्लान के प्रस्तावित मॉडल का मुख्यमंत्री ने बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद संस्थान के एक्सपेंशन एवं रिडेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसमें स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट, 500 एवं 1200 शय्या वाले अत्याधुनिक अस्पताल, मल्टीलेबल पार्किंग आदि की स्थापना आई0जी0आई0एम0एस0 के अंदर प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करने के बाद नवनिर्मित भवन के समक्ष वृक्षारोपण कर संस्थान के कैंपस का भी निरीक्षण किया। मंत्रोच्चार के बीच ईंट रखकर मुख्यमंत्री ने स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट की नींव रखी। इस अवसर पर आयोजित समारोह में सम्मिलित मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर आई0जी0आई0एम0एस0 के निदेषक ने सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आई0जी0आई0एम0एस0 के इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे काफी खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि नवम्बर 2005 में जब हमने कार्यभार संभाला था, तब आई0जी0आई0एम0एस0 बंद होने की कगार पर पहुंच गया था, लोगों में काफी उदासी थी। उस समय से इस संस्थान के विकास के लिए निरंतर प्रयास किया गया और आज जब आई0जी0आई0एम0एस0 को देखते हैं तो काफी खुशी होती है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट का शिलान्यास हुआ है। हम चाहेंगे कि जल्दी से जल्दी इसकी स्थापना हो ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके। लोगों को कैंसर का इलाज कराने मुम्बई जाना पड़ता है। यहाँ पहले से महावीर कैंसर सस्थान हैं और अब स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट और इसी तरह का मुजफ्फरपुर में अस्पताल बन जाएगा तो लोगों का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जिनके पास पैसा है, वे अपनी इच्छा के अनुकूल बाहर इलाज कराना चाहंे तो करा सकते हैं लेकिन हमारी कोशिश है कि मजबूरी में किसी को इलाज कराने के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े। इस संस्थान प्रांगण में 500 और 1200 शय्या वाले अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण भी प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि बेडों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अस्पताल में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ भी होने चाहिए, जिससे लोग आसानी अपने मरीज का इलाज करा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम सांसद थे, तब देखते थे कि 40 से 50 प्रतिशत लोग दिल्ली के एम्स में बिहार से इलाज कराने जाते थे लेकिन अब बिहार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर हर तरह के अस्पतालों में सुधार हुआ है, जिसके कारण लोगों का भरोसा सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आई0जी0आई0एम0एस0 ऑटोनोमस संस्थान है और एम्स के पैटर्न पर यहाँ इलाज की व्यवस्था हो रही है। अब इस संस्थान में स्टेट कैंसर संस्थान और आई इन्स्टीच्यूट होगा। अस्पताल प्रबंधन को निर्देश देते हुए उन्होंन कहा कि यहाँ  जो पुराने  स्ट्रक्चर  हैं,  उन्हें  तकनीकी  तौर  पर  ठीक  ढंग से देखने  की आवश्यकता है कि उसमें मजबूती है या नहीं। अगर जरूरत पड़े तो उसे डिमोलिस करके उसकी जगह पर नए स्ट्रक्चर का निर्माण कराइए ताकि वह अगले 100- 200 साल तक कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं पूरे देश में नर्सेज की कमी है, जिसको देखते हुए आई0जी0आई0एम0एस0 में नर्सिंग कॉलेज चालू किया गया है और सभी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई हो सके, इस दिशा में काम आगे बढ़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि आई0जी0आई0एम0एस0 का नर्सिंग कॉलेज इसी संस्थान का पार्ट है या स्वतंत्र है ताकि उसके लिए पूरे बिहार के नर्सिंग कॉलेजों की तरह कंडीशन निर्धारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवायें सबको ठीक ढंग से मिले इसकी हम चिंता करते हैं और इस दिशा में काम भी तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ सोलर प्लेट से 300 किलोवाट ऊर्जा उत्पादन से संबंधित योजना का शिलान्यास हुआ है, यह प्रसन्नता का विषय है क्योंकि सौर ऊर्जा अक्षय और असीमित ऊर्जा है, जबकि कोयले का भण्डार सीमित है। एक समय ऐसा आयेगा कि कोयला समाप्त हो जाएगा इसलिए इस अक्षय ऊर्जा का हम अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, यह हमारे लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी, हाईड्रल एनर्जी और विंड एनर्जी की ओर हमंे आज ज्यादा सोचने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी इच्छा पूर्व से पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को वल्र्ड क्लास बनाने की रही है और पी0एम0सी0एच0 की एक मीटिंग में हमने इस बात को कहा भी था कि इस अस्पताल को वल्र्ड क्लास का बनाया जाएगा ताकि देष से बाहर के लोग भी यहाँ इलाज कराने आ सकंे। उन्होंने कहा कि जब हम पटना विश्वविद्यालय में पढ़ते थे तो अक्सर पी0एम0सी0एच0 जाया करते थे और उस समय काफी दूर-दूर से लोग इलाज कराने पहुंचते थे लेकिन बाद के दिनों में उसका स्तर काफी नीचे चला गया, जिसके कारण लोगों का भरोसा पी0एम0सी0एच0 से उठ गया था लेकिन अब वहां काफी सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पी0एम0सी0एच0 को वल्र्ड क्लास बनाने के लिए तीन फेज में काम किया जाएगा और दस से पन्द्रह दिनों के अंदर प्लान को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब हमने कार्यभार संभाला था तो बिहार का बजट 30 हजार करोड़ रूपये था, जो अब बढ़कर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये हो गया है। ऐसे में पैसे की चिंता नहीं होनी चाहिए और आई0जी0आई0एम0एस0 के विकास के लिए जितने पैसे की जरूरत होगी, वह दिया जाएगा। एम्स में जितना पैसा लगता है, उससे भी ज्यादा पैसे की आवश्यकता होगी तो भी सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि हम तो मेडिकल कॉलेजों को भी ऑटोनोमस बनाना चाहते हंै लेकिन जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम होना चाहिए, इसके लिए जो भी संसाधन की आवश्यकता होगी, सरकार देने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ इलाज मुहैया कराना हमारा मकसद नहीं है बल्कि लोगों को इलाज की जरुरत ही नहीं पड़े, यही हमारा लक्ष्य है और इसके लिए लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागृति लाने की आवश्यकता है ताकि लोगों का जीवन बेहतर हो सके। लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए, स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए, इसे लोगों को बताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर खुले में शौच से मुक्ति और पीने का स्वच्छ पानी मिल जाए तो 90 प्रतिशत बीमारियों से लोगों को छुटकारा मिल जायेगा। बिहार में पोलियो पर काम किया गया, जो काफी मुश्किल था और अब कालाजार से लोगों को मुक्ति दिलाने की दिशा में काम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही पूर्ण
शराबबंदी लागू की लेकिन अब भी चंद गिने-चुने लोग हैं, जो इसे अपने लिबर्टी से जोड़कर देखते हैं। इसके साथ ही सामाजिक सुधार की दिशा में भी कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागृति लाने के लिए राज्यव्यापी अवेयरनेस और कैम्पेन चलाना चाहिए ताकि लोगों को इलाज की जरूरत ही न पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नर्सिंग इन्स्टीच्यूट से जुड़े जो लोग हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
समारोह को स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, विधायक श्री संजीव चैरसिया, आई0जी0आई0एम0एस0 के निदेशक डाॅ0 एन0आर0 विश्वास ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, ऊर्जा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट के विभागाध्यक्ष डॉ0 राजेश कुमार सिंह, आई0जी0आई0एम0एस0 के अधीक्षक डॉ0 मनीष मंडल, पी0एम0सी0एच0 के प्राचार्य डॉ0 विजय गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण एवं अस्पताल से जुड़े चिकित्सक एवं कर्मी उपस्थित थे।

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