आरा: बिहार के चर्चित बिहिया उपद्रव व महिला निर्वस्त्र कांड में सभी 20 दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई गई। प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आरसी द्विवेदी ने सजा सुनाई। राजनीतिक कार्यकर्ता किशोरी यादव समेत विष्णु कुमार, विनोद कुमार केशरी उर्फ मड़ई, मो मुमताज अंसारी उर्फ ताज और सिकंदर कुमार कुल 5 दोषियों को 7-7 साल की सजा और 12-12 हजार रुपये का जुर्माना लगया गया है. इन्हें महिला को निर्वस्त्र व एससी-एसटी एक्ट में सजा सुनाई गई है। वहीं शेष 15 दोषियों को 2-2 साल की सजा और दो-दो हजार जुर्माना लगाया गया है। इनमें 14 को एससी-एसटी एक्ट में सजा तथा शेष 1 विकास रजक को दंगा में 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
इससे पहले, इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी सत्येंद्र कुमार सिंह दारा ने बहस की थी। उन्होंने बताया कि बुधवार की दोपहर आरोपित कोर्ट में हाजिर हुए। इसके बाद कोर्ट ने सभी 20 आरोपितों को दोषी करार दिया था। इनमें किशोरी यादव, विष्णु कुमार, मुमताज अंसारी उर्फ ताज, विनोद कुमार केशरी उर्फ मडई केशरी व सिकंदर कुमार को दंगा, महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने व एससी-एसटी एक्ट में दोषी ठहराया गया था । अन्य 15 आरोपितों को दंगा व एससी-एसटी एक्ट में दोषी पाया गया है। दोषी पाये जाने के बाद सभी आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।
क्या था मामला
बिहिया नगर के डफाली मोहल्ले में बीते 20 अगस्त को एक छात्र की हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद भीड़ ने जमकर उपद्रव मचाया था। कई घरों में तोड़फोड़ की गयी थी और आग भी लगा दी गयी थी। एक महिला डांसर को निर्वस्त्र कर पूरे बाजार में घुमाया गया था। उसके साथ मारपीट व दुर्व्यवहार भी किया गया था। इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।पुलिस ने उसी रात सभी नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में सात अन्य आरोपितों की पहचान वीडियो फुटेज के आधार पर की गयी थी। इनमें कुछ आरोपितों ने सरेंडर कर दिया था, जबकि कुछ की गिरफ्तारी हुई थी।