चंडीगढ़: पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में नई सरकार ने काम काज संभाल लिया है. राज्यपाल वीपी बादनोर ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. क़र्ज़ के बोझ तले दबे पंजाब को राहत देने का बीड़ा उठाने का दावा करते हुए सादे समारोह में फ़िलहाल सिर्फ़ नौ मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. कैप्टन अमरिंदर का तर्जुबा और नवजोत सिद्धू का जोश 10 साल बाद पंजाब की सत्ता में लौटी कांग्रेस पार्टी की सरकार की सफलता का यही मूल मंत्र होगा. सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने के सवाल पर संभवतया लगता है कि कांग्रेस प्रचंड बहुमत से जीते कैप्टन अमरिंदर को नाराज़ नहीं करना चाहती. इस बात का अंदाज़ा शायद पार्टी हाई कमान को भी हो चुका है.
कैबिनेट में सिद्धू तीसरे नंबर पर हैं. शपथ ग्रहण के बाद लगता है इस हक़ीक़त को सिद्धू परिवार ने क़बूल कर लिया है. सिद्धू की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर ने कहा कि मंत्री भी बहुत बड़ी भूमिका होती है. हम कभी माँगते नहीं हैं. जो भी काम दिया जाएगा. उनमें फ़र्क़ नज़र आएगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से लेकर तमाम बड़े कांग्रेसी दिग्गज कैप्टन की ताजपोशी में शामिल हुए. हालिया चुनाव में उत्तर भारत में कांग्रेस की नाक पंजाब ने ही बचाई. अब वक़्त चुनावों में किए गए वादों को पूरा करने का है. कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि पंजाब में रोज़ी, रोटी और रोज़गार के मसले हैं. पंजाब में कारोबार का पहिया जो बंद हो चुका है वो फिर चले, कारख़ाने की चिमनियों से फिर धुआँ निकले.
उल्लेखनीय है कि सूबे की कुल 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की तरफ से मंत्री पद के दावेदारों की लिस्ट लेकिन फ़िलहाल 7 कैबिनेट और दो राज्य मंत्रियों को ही शपथ दिलाई गई है जिनमें तीन दलित समुदाय से आते हैं. लम्बे अर्से बाद पंजाब में दलित वोटर कांग्रेस की तरफ़ लौटे हैं सो इतना रिटर्न गिफ़्ट तो बनता है.
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