अन्ना की चिट्ठी का स्वराज इंडिया ने किया समर्थन

अन्ना की चिट्ठी का स्वराज इंडिया ने किया समर्थन
 
• अन्ना हज़ारे की चिट्ठी का स्वराज इंडिया ने किया समर्थन
 
• प्रधानमंत्री मोदी दे अन्ना की चिट्ठी का जवाब: स्वराज इंडिया
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नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने अन्ना हज़ारे द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी का समर्थन किया है। अन्ना हज़ारे ने अपने पत्र में भ्रष्टाचार और कृषि समस्या पर प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति और चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
स्वराज इंडिया अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने अन्ना हज़ारे की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि देश का किसान आज बदहाल है, खुदकुशी करने को मजबूर हो रहा है लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। प्रधानमंत्री मोदी फ़सल के ड्योढ़े दाम का वादा करके सत्ता में आये लेकिन किसानों को आज भी उनके फ़सल की कीमत नहीं मिल रही। और तो और, कर्ज़ के बोझ में दबा हुआ किसान जब अपनी आवाज़ उठाने को विवश होता है तो उसपर गोली चलाई जाती है, जैसा कि मंदसौर में हुआ। इस भयावह स्थिति पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए योगेंद्र यादव ने अन्ना का शुक्रिया अदा किया है।
स्वराज अभियान अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकपाल आंदोलन के कंधे पर बैठकर सत्ता तक पहुँचने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के तीन साल बाद भी लोकपाल या लोकायुक्त नियुक्त नहीं कर पाए हैं। भ्रष्टाचार से लड़ने की सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकपाल से लेकर सीबीआई, सीवीसी के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून, व्हिसल ब्लोवर कानून, पार्टियों में आरटीआई या राजनीतिक चंदे की बात, मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर देश को धोखा दिया है। अन्ना ने लोकपाल और लोकायुक्त के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार से लड़ने की प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति ही नहीं है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि चाहे केंद्र की मोदी सरकार हो या दिल्ली की केजरीवाल सरकार, लोकपाल और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ इन सब पार्टियों ने धोखा किया है। इतने बड़े जनआंदोलन के बाद भाजपा केंद्र में और आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में आई, लेकिन आज न ही केंद्र में और न ही दिल्ली में लोकपाल है। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को आंदोलन का गद्दार बताते हुए अनुपम ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने तो सत्ता में आने के बाद लोकपाल बिल को ही बदल डाला और एक कमज़ोर जोकपाल बिल ले आई।
ज्ञात हो कि स्वराज इंडिया भ्रष्टाचार और कृषि के गंभीर मुद्दों पर सक्रियता से काम कर रही है और समय समय पर मोदी सरकार और अन्य सरकारों पर दबाव बनाती रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने माँग किया कि प्रधानमंत्री मोदी अन्ना की चिट्ठी का जवाब दें। यदि वो पिछली चिट्ठियों की तरह इसका भी जवाब नहीं देते तो माना जाएगा कि देश के इन अतिगंभीर मुद्दों पर नरेंद्र मोदी के सरकार की कोई समझ या दूरगामी योजना नहीं है।
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