खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,
जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
अपनी हिम्मत और लगन के बदौलत नमिता सिंह आज पटना की नामचीन बिजनेस मैन और समाज सेविका बन गयी है लेकिन इसके लिये उन्हें अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है।
मुझे जागते रहना है क्योंकि अपने सपनों को पाना है
अपनी काबिलियत का करिश्मा इस जग को दिखाना है,
कामयाबी तो हासिल कर ही लूँगी एक दिन
मुझे तो अपनी उँगलियों पर किस्मत को नचाना है।
बिहार की राजधानी पटना में सीसीएल 2 का आयोजन किया जा रहा है जो अबतक तक बिहार का सबसे बड़ा एवेंट माना जा रहा है। सीसीएल 02 का आयोजन नुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन (एचआरएफ) की ओर से मनीषा दयाल और चिरतंन कुमार संयुक्त रूप से कर रहे हैं।नमिता सिंह अपने पति संजय सिंह सीसीएल को
प्रेजेंट कर रही हैं। नमिता सिंह ने बताया कि बिहार में सीसीएल 2 जैसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाने से बिहार की अलग पहचान बनेगी। सीसीएल 2 की परिकल्पना Say NO to DRUGS और Say NO to DOWRY को ध्यान में रखकर की गयी है।जो अपने आप में बहुत बड़ा कदम है। मैं इस बात के लिये सीसीएल 2 की आयोजनकर्ता श्रीमती मनीषा दयाल जी और श्री चिरंतन कुमार जी को हार्दिक बधाई देती हूँ जिन्होंने सीसीएल का आयोजन किया।
नमिता सिंह ने कहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और श्री सुशील कुमार मोदी जुमला करने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास करते हैं।
उनका काम ही उनकी इमेज है।आज बिहार की छवि काफी सुधर गयी है। श्री नीतीश कुमार और श्री मोदी नकारात्मकता की ओर जा रहे बिहार को सकारात्मकता में ले आये। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति के बाद अब दहेज उन्मूलन और बाल विवाह के खिलाफ महा अभियान शुरू किया है। नीतीश कुमार ने
जो मुहिम शुरू की है, वह जदयू का नहीं बल्कि बिहार की जनता के लिए है। सीसीएल 02 की परिकल्पना नशामुक्ति और दहेज प्रथा पर आधारित है और यही बात मेरे दिल को छू गयी और सीसीएल से जुड़ने का फैसला किया।
बिहार की राजधानी पटना में जन्मी नमिता सिंह अधिवक्ता बनने का सपना देखा करते थे। नमिता सिंह के पिता ध्रुव नारायण सिंह बिजनेस मैन हैं और पुत्री को उच्चअधिकारी बनाना चाहते थे।नमिता सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना के माउंट कार्मल स्कूल से पूरी की।
नमिता सिंह की शादी जाने माने बिजनेस मैन संजय सिंह के साथ हुयी है जो उनकी जिंदगी में नया मोड़ लेकर आयी। नमिता सिंह पति के काम में हाथ बंटाने लगी। नमिता सिंह को पढ़ने में काफी रूचि थी इसलिये शादी के बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। नमिता सिंह ने वुमेन्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। नीलम सिंह की पुत्री नमिता सिंह के सपने बड़े थे और वह कुछ बड़ा करने चाहती थी। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस बात को साबित कर दिखाया है नमिता सिंह ने ।
मत घबराना जिंदगी में परेशानियों की पतझड़ से
मेहनत की बसंत खुशियों की बहार जरूर लाएगी,
खून पसीने से सींचना अपनी कोशिशों को
इन कोशिशों के बल पर ही कामयाबी आएगी।
संजय सिंह ने रियल स्टेट कंपनी फेनोमेनल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी। नमिता सिंह कंपनी की निदेशक नियुक्त की गयी। संजय सिंह ने पत्नी नमिता सिंह के साथ मिलकर सोनपुर में करीब 400 एकड़ जमीन में एनजी टाउन परियोजना की शुरूआत की जो काफी बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। संजय सिंह पर्यावरण संरक्षण के पक्षधर हैं और इसी को देखते हुये उन्होंने परियोजना का नाम एनजी टाउन यानी न्यू ग्रीन शहर रखा है। यह परियोजना मध्यम वर्गीय परिवार को ध्यान में रखकर बनायी गयी है। नमिता सिंह आज जानी मानी बिजनेस मैन और समाजसेविका के तौर पर शुमार की जाती है और यह उनके दृढ़ निश्चय का परिणाम है।
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जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
नमिता सिंह दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान से जुड़ी हुयी है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बडे़ अभियान की शुरुआत की जा रही है जो बापू के विचारों के प्रति हमलोगों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।हम लोगों तक इस बात को पहुंचाएंगे कि यह बुरी चीज है। बाल विवाह का कितना नुकसान बेटियों को हो रहा है. दहेज प्रथा के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। नमिता सिंह को फैशन और इंटीरियर में भी काफी रूचि है। उन्होंने अपने घर का सारा इंटीरियर खुद किया है।नमिता सिंह फैशन की दुनिया में भी बिहार को वैश्विक मंच पर ले जाना चाहती है। नमिता सिंह ने बताया कि वह बिजनेस अपने दादा जी श्री योगेन्द्र प्रसाद सिंह के आर्शीवाद से कर रही हैं। नमिता सिंह अपनी अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पति संजय सिंह को देती हैं। नमिता सिंह का कहना है कि आज वे जो कुछ हैं, अपनी पति की वजह से हैं। उनके पति ने उनका हर कदम पर न सिर्फ साथ दिया, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का प्रोत्साहन भी खूब दिया। नमिता अपने पति संजय सिंह की ओर देखते हुये गुनगुनाती है।
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, अंधेरो से भी मिल रही रोशनी है
मेरे साथ तुम मुस्कुरा के तो देखो, उदासी का बादल हटा के तो देखो
कभी है ये आँसू, कभी ये हँसी है मेरे हमसफ़र बस यही जिन्दगी है।