जीरादेई/सिवान – से आदित्या कुमार सिंह,जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के राजस्व गांव तीतिरा टोले बंगरा गांव में स्थित तीतिर स्तूप पर शुक्रवार से आराध्या चित्रकला संस्थान सिवान के द्वारा निःशुल्क बुद्ध के पूर्व जन्मों का चित्र अंकित कार्य आरम्भ किया गया ।
जनजागरण तथा सौंदर्यकरण का कार्य
संस्था के संचालक व युवा चित्रकार रजनीश कुमार मौर्य ने बताया कि हमारे संस्थान का विद्यार्थी ऐतिहासिक ,समाजिक , सार्वजनिक ,धरोहर तथा पुरातात्त्विक स्थलों का चयन कर पेंटिंग के माध्यम से जनजागरण तथा सौंदर्यकरण का कार्य करते है ।उन्होंने बताया कि इसी अभियान के क्रम में तीतिर स्तूप के पास भगवान बुद्ध के पूर्वजन्मों का चित्र अंकित किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों व युवापीढियों को तीतिरा गांव का ऐतिहासिक जानकारी मिल सके तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा परीक्षण उत्खन्न एवं अन्वेषण के क्रम में प्राप्त पुरातात्त्विक अवशेष संरक्षित किया जा सके ।
ह्वेनसांग के अनुसार तीतिरा गांव में तीतिर स्तूप
शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि अंग्रेज पुरतत्ववेदा डब्ब्ल्यू होय ,डॉ डीआर पाटिल ,डॉ बीपी सिन्हा ,केपी जयसवाल शोधसंस्थान के पूर्व निदेशक डॉ जगदीश्वर पांडेय सहित दर्जनों इतिहासकारों ने चीनी तीर्थयात्री ह्वेनसांग के यात्रा वृतांत के अनुसार तीतिरा गांव में तीतिर स्तूप होने का बात लिखा है तथा बताया है कि इस स्तूप के नाम पर तीतिरा गांव का नाम पड़ा है .
अभिषेक ,सुमित कुमार के द्वारा चित्र अंकित
श्री सिंह ने बताया कि जातक के अनुसार बोधिसत्त्व तीतिर पक्षी के प्रधान तथा हिरण पशु के प्रधान के रूप में जन्म ले जंगल में लगी आग को बुझाने व जानवरों को अपनी जान का बाजी लगाकर बचाने का किया था जिसके याद में यहाँ तीतिर स्तूप व हिरण स्तूप होने की बात इतिहास में दर्ज है साथ ही यहाँ तीतिरा व हिरनौवली गांव भी है जो इसका सूचक है । उन्होंने बताया कि इस स्थल से पूरब हिरण्यवती यानी सोना नदी भी है,
जिसका चर्चा बौद्ध ग्रंथों में हुआ है इन सारी बातों को चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है ताकि देशी व विदेशी पर्यटकों को समझने में सहूलियत हो चित्र अंकित करने में आराध्या चित्रकला संस्थान के छात्र अभिषेक कुमार ,सुमित कुमार ,राजेश कुमार कुशवाहा ,राजन कुमार आदि लगे हुए है ।
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