संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया में संघर्ष में संलिप्त सभी पक्षों से विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घौता में मानवीय सहायता सामग्री पहुंचाने वाले दल को जाने देने की मांग की है। इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में मानवीय सहायता सामग्री की पूरी खेप को सुरक्षा की कमी की वजह से वहां नहीं पहुंचाया जा सका था। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को विशेष तौर पर मांग की थी कि विद्रोहियों के कब्जे वाले मुख्य शहर डुमा में गुरुवार को प्रस्तावित सहायता सामग्री को पहुंचाने की इजाजत दी जाए। एफे न्यूज की बुधवार को रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने दोहराया कि सहायता सामग्री पहुंचाने की योजना का उद्देश्य 70 हजार लोगों को सहायता पहुंचाना है, जिसकी अनुमति सीरियाई अधिकारियों ने दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टेफन डुजारिक ने यह आह्वान किया। गुटेरस ने कहा कि सभी पक्षों के पास अंतर्राष्ट्रीय कानून के हिसाब से नागरिकों की रक्षा करने और मानवीय सहायता पहुंचाने वाले लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सोमवार को पूर्वी घौता में हुए हमले में 100 लोगों की मौत हुई। इस हिंसा की वजह से संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन मानवीय सहायता दल के द्वारा डुमा में सहायता नहीं पहुंचा पाए। यहां इस दौरान 27,500 लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाई जानी थी। गुटेरस के अनुसार, “सहायता सामग्री से भरे 46 ट्रकों में से 14 ट्रक के सामग्रियों को वितरित नहीं किया जा सका और इसलिए भेजी गई आधी खाद्य सामग्री लोगों के पास अभी तक पहुंच नहीं सकी।” संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सीरिया में खासकर पूर्वी घौता में हालात की समीक्षा के लिए बंद कमरे में बैठक करने की योजना बना रहा है।
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