पटना, 15 दिसम्बर 2017:
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के चौथे दिन मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड स्थित जारंग गांव का भ्रमण कर विकास कार्यों का जायजा लिया। जारंग ग्राम भ्रमण के पूर्व पंचायत भवन जारंग पश्चिमी के समक्ष मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया। गाँव का भ्रमण कर सात निश्चय और अन्य विकासात्मक योजनाओं के तहत चल रही योजनाओं का जायजा लिया। जारंग गाँव भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री सबसे पहले प्रोजेक्ट मेसा बकरी पालन पहुँचे और प्रोजेक्ट संचालिका श्रीमती रानी देवी से प्रोजेक्ट और उससे हो रहे फायदे के विषय मे पूरी जानकारी ली। इसके बाद गांव में लगे किसान चौपाल के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी दी जा रही जानकारी भी मुख्यमंत्री ने ली। किसान अमर कुमार द्वारा तैयार किये जा रहे वर्मी कम्पोस्ट के विषय में विस्तृत जानकारी भी मुख्यमंत्री ने ली। मुख्यमंत्री ने जारंग गाँव के वार्ड संख्या-8 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजनान्तर्गत हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए 16.42 लाख रुपये की लागत से 5,000 लीटर क्षमता के बने वाटर टैंक का उद्घाघाटन शिलापट्ट का अनावरण कर किया। जारंग गाँव को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली स्वच्छ आर्मी की महिलाओं, ग्रामीण त्रिवेणी प्रसाद सिंह, आशा दीदीयों से भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर जारंग की वस्तुस्थिति से अवगत हुए। मुख्यमंत्री ने आशा दीदीयों को बेटों की तरह बेटी के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने के लिए लोगों को प्रेरित करने की बात कही। जारंग ग्राम भ्रमण के अंत में मुख्यमंत्री समाज कल्याण विभाग के तहत अमोल लाल के दरवाजे पर चल रही समेकित बाल विकास परियोजना के केंद्र 86 में पहुँचे, जहाॅ उनका छोटे-छोटे बच्चों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने सेविका कुमारी मुकुल दास और सहायिका जयमंगली कुमारी से आंगनबाड़ी केन्द्र में पढ़ रहे बच्चों एवं व्यवस्था के विषय में जानकारी ली।

गाँव भ्रमण के बाद जारंग हाई स्कूल के निकट बने जनसभा स्थल मंच पर मुख्यमंत्री पहुँचे, जहाॅ एन0डी0ए0 कार्यकर्ताओं और मुखिया संघ की तरफ से मुख्यमंत्री को माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। जनसभा स्थल मंच से मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिये 461 करोड़ रुपये की लागत वाली 347 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, इनमें 125 योजनाओं का उद्घाटन और 222 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। संबोधन से पहले मुख्यमंत्री ने लोक शिकायत निवारण कानून में मुजफ्फरपुर के बढ़ते कदम, सात निश्चय योजनाओं के बढ़ते कदम, स्वच्छता संकल्प की राह के बढ़ते कदम और समीक्षा यात्रा से संबंधित पुस्तिकाओं का विमोचन किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे आत्मसंतोष का भाव हो रहा है। मुझे याद है कि जब हम 2009 में विकास यात्रा में निकले थे और इसकी शुरुआत 19 जनवरी को चंपारण से की थी, जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों के 19 गांव में रुके थे और खुले मैदान मे टेटं मे हम रात मे रहे थे। उसमे हमारे साथ कई साथी, मंत्री, मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक और अधिकारीगण भी टेटं मे रुके थे। मुजफ्फरपुर जिले के जारंग गांव का यही वह मैदान है, जहां हम विकास यात्रा के क्रम में 6 फरवरी 2009 को रुके थे तो आज इस मैदान मे फिर लोगो के बीच पाकर मुझे संतोष हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल से इस साल के शुरू तक मैं निश्चय यात्रा पर था और अब हम सात निश्चय योजना के तहत चल रही कार्यों की समीक्षा करने निकले हैं, जिसकी शुरुआत भी मैंने चंपारण से की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली और मुजफ्फरपुर की समीक्षा बैठक कल शाम मे ही मैंने की थी, जिसमे विकास कार्यों की पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 मे विकास यात्रा के क्रम मे हम जिन 19 गांव मे रुके थे, उसमे इस बार समीक्षा यात्रा के दौरान हमने जाने का तय किया है क्योंकि जिन गांवो मे हम विकास यात्रा के दौरान रुके थे, मुझे ऐसा लगा कि वह मेरा ही गाँव है इसलिए मैं आज फिर आपलोगो के बीच आया हूँ। आप सबका इस कार्यक्रम मे शामिल होने के लिए अभिनंदन है, धन्यवाद है और इस धरती को नमन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी, नशामुक्ति से लेकर बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त अभियान बिहार में निरंतर चलाया जा रहा है। आज जिस तरह से कला जत्था के कलाकारो ने जो प्रभावी गीत गाया है, उन तमाम कलाकारो को मैं बधाई देता हूँ, धन्यवाद करता हूँ। इस गायन को गांव-गांव तक पहुंचाया जाना चाहिए ताकि लोगो को इससे सीख मिले और दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियो पर प्रतिबध्ं लगे। लोगो मे चेतना का भाव पैदा हो, लोगो मे जागृति आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा से कितना नुकसान हो रहा है, यह सभी जानते हैं, हमने तो इसका अध्ययन कराया है और आप सब तो इसे भुगत रहे हैं। जिला प्रशासन को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 347 योजनाओ का शिलान्यास और उद्घाटन 461 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है, इसके लिए जिला प्रशासन को शुभकामना है लेकिन वह काम समय पर हो, यह जिला प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होनें कहा कि यह न हो कि हम शिलान्यास कर दिए और काम धरातल पर हुआ ही नहीं हो, क्योंकि अगर हम घूमते हुए वहां पहुंच गए और लोगो ने शिकायत की तो फिर यह अच्छी बात नहीं है।
जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इन विकास कार्यों की मॉनिटरिंग कीजिए और जो भी शिलान्यास हुए हैं, उसको समय पर पूरा करवाने के लिए तत्पर रहिए।

सात निश्चय योजनाओ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का मकसद हर घर को और हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होनें कहा कि सड़क हो या पुल हो, हर क्षेत्र में काम हो रहा है, इसके लिए योजना भी चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं सांसद था तो लोकसभा में आम जनता की आवाज और उनकी समस्याओ को उठाता था और सांसद या विधायक रहते हुए हम अक्सर गांव घूमा करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर को अगर शौचालय और नल का स्वच्छ जल उपलब्ध हो जाए तो 90 % बीमारियों से लोगो को छुटकारा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मनोहर लोहिया नें 50 के दशक मे ही महिलाओ के कष्ट को समझते हुए शौचालय निर्माण को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होनें कहा कि लोहिया एसे पहले नेता, राजनेता और चिंतक थे, जिन्होनें न सिर्फ भारत छोड़ो आंदोलन मे बहुत बड़ी भूमिका निभाई बल्कि गांधी जी के इस अनुयायी ने समाजवाद के सिद्धांत को भी देश के सामने रखा। उन्होनें कहा कि लोहिया
जी, नेहरू जी को कहा करते थे कि अगर महिलाओ के लिए पूरे देश मे शौचालय बनवा दीजिएगा तो हम विरोध करना छोड़ देगें । उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण, गांधी जी और राम मनोहर लोहिया जिन बातो को कहा करते थे और जिस विषय में सोचा करते थे, आज हमारी सरकार वह सब काम कर रही है ताकि लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सड़क भी बनवा रहे हैं और गांव के अंदर जिन लोगों को कच्ची रास्तों के कारण कीचड़ से जूझना पड़ता था, अब उनके लिए पक्की गली और नाली योजना के तहत उन्हें भी पक्की और मुख्य सड़कों से जोड़ा जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि आधी से अधिक महिलाएं चुनकर आईं हैं। बालिका साइकिल योजना, बालिका पोशाक योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में इसने व्यापक प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस साल तक 8 लाख स्वयं सहायता समूह गठित हो जाएंगे और ऐसे में हमारा लक्ष्य 1000000 स्वयं सहायता समूह गठित करना है ताकि महिलाएं और भी सशक्त, समृद्ध हो सकें।
शराबबंदी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को पटना में महिलाओं का एक सम्मेलन था, उसमे एक महिला ने शराबबंदी लागू करने की मांग की, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। बिहार में लोगों के सहयोग से ही पूर्ण शराबबंदी लागू हुई, जिसका नतीजा यह है कि जो महिलायें घरेलू हिंसा का शिकार हुआ करतीं थीं, न सिर्फ उससे छुटकारा मिला है बल्कि कमाई का एक बड़ा हिस्सा जो शराब में बर्बाद होता था, वह भी बचा है। घरेलू हिंसा में कमी आयी है, बच्चों की पढ़ाई भी अब ठीक ढंग से हो रही है। लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है, गांव हो या शहर, हर ओर समाज में शांति एवं सद्भाव कायम हुआ है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी सब दिन के लिए तभी कामयाब होगी, जब लोग सचेत, सक्रिय, जागरूक और निरंतर इसके खिलाफ सशक्त अभियान में जुटे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीति का दंश आज समाज को झेलना पड़ता है और इसके कारण कई तरह की समस्याओं से लोगों को जूझना भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की जब गर्भ धारण करती है तो उससे कई तरह की बीमारियां उन्हें अपनी चपेट में ले लेती है और वह मृत्यु की शिकार हो जाती हैं। यदि वह बच भी र्गइं तो उससे जो बच्चा पैदा होता है, वह बौनेपन का शिकार होता है या मंदबुद्धि होता है। इसके साथ ही कई अन्य बीमारियां भी उसे अपने आगोश में ले लेती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर के जिन इलाकों में लोग जहां बौने हुआ करते थे, अब उनकी ऊंचाई बढ़ रही है, वहीं बिहार में 5 साल तक के 39 प्रतिषत बच्चे बौनेपन के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि जे0पी0, गांधी जी और लोहिया यह मानते थे कि देश की तरक्की विकेंद्रीकृत तरीके से ही होगी इसलिए हमने पंचायत और वार्ड स्तर पर इन कामों को सात निश्चय के तहत करना शुरू किया ताकि 4 साल के अंदर लोगों के घरों तक नल का जल, शौचालय का निर्माण, पक्की गली और नाली की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि बिजली का कनेक्शन अगले साल तक हर घर को उपलब्ध करा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विकास कार्यों की समीक्षा करने निकले हैं, इसके साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा से भी लोगों को छुटकारा दिलाना है। इसके लिए सशक्त अभियान भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज पहले से स्थिति बहुत बेहतर हुई है लेकिन जो सामाजिक कुरीतियां है, उसके रहते विकास का लाभ लोगों को नहीं मिल पायेगा जितना इंसान कुरीतियों को खत्म करके लोगों को इसका फायदा पहुंचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सद्भाव, प्रेम, भाईचारा, हिंदू-मुस्लिम एकता और इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म करके ही सही मायने में विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी लागू करने की बात हो रही थी तो कई लोग यह कहा करते थे कि 5000 करोड़ रुपए का नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा, तब हमने कहा कि शराबबंदी होने से भले ही सरकार के खाते में 5000 करोड़ रुपये नहीं आए लेकिन जो 10 हजार करोड़ रुपये शराब में लोग अपने जेब से गवा देते हैं, वह बचेगा, उनका जीवन स्तर ऊपर उठेगा।
जनसभा में मौजूद लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में मानव श्रृंखला बनी थी, जिसमें चार करोड़ लोगों की रिकॉर्ड भागीदारी हुई थी। ऐसे में इस बार 21 जनवरी 2018 को जो मानव श्रृंखला शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ-साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ बनने वाली है, उसमें अधिक से अधिक लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि देश और दुनिया में इसको लेकर एक मजबूत संदेश जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हुई शराबबंदी का देश और देश के बाहर के लोग भी अध्ययन कर रहे हैं, इसे समझने के लिए अभी हाल ही में कर्नाटक के लोग भी बिहार आए थे। ऐसे में अब जो दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ बिहार में सशक्त अभियान शुरु हुआ है, उस पर भी लोगों की नजरें हैं। लोग यह मानने लगे हैं कि जब यह सामाजिक कुरीतियां खत्म होगी, तभी समाज बदलेगा और सही मायने में विकास होगा। उन्होंने कहा कि आप सब यह मन बनाइए कि गांव में या शहर में कोई भी अगर दहेज लेकर शादी करता है तो आप उस विवाह समारोह में शामिल नहीं होंगे, अगर ऐसा आप करते हैं तब वह अलग-थलग पड़ जाएगा और समाज को दहेज प्रथा से मुक्ति मिलेगी।

लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप हाथ उठाकर इस सभा में संकल्प लिए हैं इसलिए 21 जनवरी 2018 को जो मानव श्रृंखला बनेगी, उसमें आप सभी भागीदार होकर इन सामाजिक कुरीतियों के साथ-साथ शराबबंदी और नशामुक्ति को लेकर चलाए जा रहे सशक्त अभियान को बल प्रदान करने में अपना अहम योगदान दीजियेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में जो मानव श्रृंखला बनी थी, उसमें लोग सिर्फ मुख्य सड़कों पर खड़े हुए थे लेकिन इस बार जो मानव श्रृंखला 21 जनवरी 2018 को बनेगी, उसमें वार्ड, पंचायत, प्रखंड, सब डिवीजन, जिला से लेकर प्रदेश के तमाम ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग सड़कों पर खड़े होंगे ताकि शराबबंदी से नशामुक्ति, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़ी गई इस मुहिम को मुकाम तक पहुंचाया जा सके।
आयोजित सभा को पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री एवं मुजफ्फरपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश शर्मा, विधायक श्री महेश्वर प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री अनिल सहनी, विधायक श्री केदार प्रसाद गुप्ता, विधायक श्री अशोक कुमार चैधरी, विधायक श्रीमती बेबी कुमारी, विधान पार्षद श्री देवेश चंद्र ठाकुर, विधान पार्षद श्री दिनेश प्रसाद सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा देवी, जदयू जिलाध्यक्ष श्री हरिओम कुशवाहा, लोजपा जिला अध्यक्ष श्री अभय कुमार सिंह, रालोसपा जिलाध्यक्ष श्री प्रभु कुशवाहा, हम पार्टी के जिलाध्यक्ष इंद्रमोहन झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री एच0आर0 श्रीनिवास, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत, ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के सचिव श्री अरविंद कुमार चैधरी, ग्रामीण कार्य विभाग एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुजफ्फरपुर जिला अधिकारी श्री धर्मेंद्र सिंह पुलिस अधीक्षक श्री विवेक कुमार सहित अन्य कई वरीय अधिकारी, स्थानीय नेतागण व गणमान्य लोग मौजूद थे।
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