वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से पहली बार महिला प्रत्याशी सुषमा सिंह ने भरा पर्चा

बगहा/बेतिया:-वाल्मीकि की तपोभूमि कहे जाने वाली वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से महिला प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है।राजनीतिज्ञ पंडित अपने-अपने विवेकानुसार भविष्यवाणी करना भी शुरु कर दिया है। विदित हो कि बगहा एक प्रखंड के बड़गांव इस्टेट घराने की बहु सुषमा सिंह आनंद सिंह की धर्मपत्नी तथा बेतिया के सुप्रसिद्ध जाने-माने वरीय अधिवक्ता ठाकुर विजय सिंह की पुत्री है। इन्होंने अंग्रेजी विषय से एम ए की शिक्षा भी हासिल कर चुकी है ।ऐसा नहीं है कि सुषमा सिंह पहली बार राजनीति में कदम बढ़ाई है, इन्होंने भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए बगहा नगर के महिला नगर अध्यक्ष का पद संभाल चुकी है। पद पर रहते हुए तमाम साहसिक कदम भी उठाई है जिसे बगहा वासी आज भी याद करते हैं।जानकारी देते हुए सुषमा सिंह ने बताया कि भाजपा से मुझे ना तो पहले कभी मतभेद था और ना ही आज है, बल्कि एनडीए के तरफ से सुयोग्य प्रत्याशी नही उतारने के वजह से  भाजपा का दामन छोड़ दिया।उनका कहना था कि एनडीए ने जिस प्रत्याशी को मैदान में उतारा है वे अपना जनाधार खो बैठे है।
गौरतलब हो कि पश्चिमी चम्पारण में अपनी राजनीतिक जमीन की  विस्तार करने में जुटी शिवसेना के लिए यह  सुनेहरा मौका था जिसे बिना समय गवाए सुषमा से दोस्ती का हाथ बढ़ाया,जिसे सुषमा ने भी दो कदम आगे बढ़कर शिवसेना से हाथ मिलाया और  22 अप्रैल को वाल्मीकि नगर लोक सभा सीट से अपना पर्चा दाखिल कर राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया।राजनीतिक गंगा में डुबकी लगाने वाले गोताखोरों की माने तो मृदुभाषी सुषमा सिंह के इस चुनावी महासंग्राम में उतरने से अन्य राजनीतिक पार्टियों की गणित उलझते नजर आ रही है।हालांकि इस चुनाव में सुषमा अपनी जीत पक्की मान रही है।कारण  पूर्व में गरीबों, बुजुर्गों,छात्रों व खासकर महिलाओं के हित के लिए जो कार्य कर चुकी है उससे उनकी लोकप्रियता व विश्वसनीयता का काफी विस्तार हुआ है।

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