नई दिल्ली। यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोदी सरकार का विरोध करने का ऐलान किया है। आज एक संवाददाता सम्मलेन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ऐलान किया है कि सरकार के रुख का पुरजोर विरोध किया जाएगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी हजरत मौलाना मो. वली रहमान ने कहा कि हम लोग लॉ कमीशन के इस सवालनामे का बायकॉट करेंगे। उनका आरोप है कि इसे निष्पक्ष होकर तैयार नहीं किया गया है.
वली रहमान ने कहा, सरकार ने हमसे पूछा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में अपनी राय दें। इस सिलसिले में हमें क्या करना चाहिए इसको लेकर हम सरकार को अपनी राय देंगे। उनका कहना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड इस मुल्क के लिए मुनासिब नहीं है. यहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं, सभी लोग एक संविधान के मुताबिक रह रहे हैं. सरकार इसको तोड़ने की कोशिश कर रही है. संविधान ने हम सबको अपने धर्म की आजादी दी है. सरकार और लॉ कमिशन संविधान के विपरीत काम कर रही है. इसलिए हमने फैसला किया है कि हम लोग लॉ कमीशन के इस सवालनामे का बायकॉट करेंगे। इसका जवाब मुल्क के मुसलमान नहीं देंगे। ये पब्लिक को धोखा देने की कोशिश की है। सवालनामा निष्पक्ष न होकर एकतरफा हो गया है।
उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि सभी को एक कानून में बांधकर सही नही कर रहे हैं। संविधान में लिखा है, वी द पीपल और हमें अलग-अलग तरीके से, अपने तरीके से रहने का अधिकार है। अमेरिका में जितने राज्य हैं उनका अलग-अलग पर्सनल लॉ है, वहां कोई विवाद नहीं है। लेकिन हमारी हुकूमत हर बात में अमेरिका की पिछलग्गू बनती है। पर इस मामले में नहीं देख रही है कि वहां क्या हो रहा है?
उन्होंने कहा कि भारत में अलग-अलग तहज़ीबों, मान्यताओं, सभ्यताओं को मान्यता दी गई है। नागाओं का फैसला भी तो सुप्रीम कोर्ट नहीं बदल सकती है और न ही संविधान में उन्हें लेकर कोई बदलाव हो सकता है। मुल्क के दूसरे हिस्सो में जो ट्राइबल्स हैं, उनके लिए अलग कानून मौजूद हैं। मुल्क के तमाम मज़हबों को मानने वालों को एक लाठी से तोड़ने के फैसले का हम बायकॉट करेंगे। हम फैसले की मुखालफत करेंगे।
वली रहमान ने कहा कि मोदी जी अपनी नाकामियों और ढाई साल में अपने वादों को पूरा न कर पाने की बातें छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ये बात सिर्फ मुसलमानों की तरफ से नहीं, सिख, इसाइयों की तरफ से भी है। अपने वक्त पर उनकी भी राय सामने आएगी। इनसे सरहद तो संभल नहीं रही और अंदरुनी जंग के हालात पैदा किए जा रहे हैं। हम हुकूमत के इस हलफनामे की मुखालफत करेंगे। पूरा मुल्क हमारे साथ है। मुसलमानों का कोई तबका इस राय के खिलाफ नहीं है, सभी की एक राय है।