(पंकज कुमार श्रीवास्तव) माँझी सारण पाँच दिन बाद भी नंदपुर बडेलाल हत्या-कांड की पहेली न सुलझा पाई है माँझी पुलिस। वही ग्रामिणों का आक्रोश पुलिस के प्रति अपने चरम पर है। पुलिस के ढीले-ढाले कारवाई से तंग आकर ग्रामिणों ने युवा नेता सतेन्दर यादव और रमेश यादव के नेतृत्व में कल माँझी थाने का घेराव किया। थाना प्रभारी धरमेंन्द कुमार ने ग्रामिणों से इस कांड के उदभेदन के लिए एक सप्ताह का समय माँगा है। बतातें चलें 1990 में सूबे की कमान लालूजी के हाथों में थी। सूबे के हर इलाके कि तरह ये इलाका भी आपराध और आपराधियों से कराह रहा था। उस वक्त के विधायक बुधन यादव ने काफी मशक्कत के बाद नंदपुर संयासी बाजार के लिए चार-एक का गार्ड मुहैया कराया। लोगों को लगा पुलिस चौकी कि दिशा में शायद यह पहला कदम है। बहरहाल नंदपुर बाजार में उस वक्त पुलिस की मौजूदगी का रंग स्पष्ट दिखने लगा इलाका अमुमन शांत हो गया। साल 1995 में यहाँ से विधायक रविनद्र मिश्रा बनें यहाँ तैनात गार्डो को उन्होनें अपने निजी सुरछा में लगा लिया। एक बार फिर आपराध ने सर उठाना शुरू कर दिया।
बहरहाल हम बात करते हैं इस कांड में अब-तक हुए पुलिस कारवाई कि इस मामलें माँझी पुलिस सिर्फ पहले से जुडे आपराधियों के घरों पर धावा बोल रही है। हैरत कि बात है आपराध वाली रात पुलिस छापेमारी के दरम्यान नटवर गोपी का एक वाहन लूटेरा अपने घर से भागने में कामयाब हो गया। पाँच दिन बाद भी पुलिस उसका कोई सुराग नहीं ढुढ पायी है। गौरतलब है मोटरसाईकिल लूटने के दरम्यान बडेलाल,पडोसी महिला और लूटेरों से हाथावाही भी हुई थी इस हाथावाही में एक लूटेरे का सर भी फटा था। क्या पुलिस का सुचना-तंञ इतना असफल हो गया है कि इस इलाके से लूटेरों के इलाज वाले प्राईवेट अस्पतालों का व्यौरा नहीं निकाल पायी।