(रिपोर्ट: पीयूष सिंह)
भागलपुर:- वाल्मीकिनगर के बाद भागलपुर इको टूरिज्म का केन्द्र बन गया है। दिसंबर के प्रथम सप्ताह में मुंगेर के भीमबांध में तीन स्वीमिंग पुल का शुभारंभ किया जाएगा। यह बात बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म के तीन केन्द्र बनेंगे।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी मुसहरी घाट पर मंगलवार को इको टूरिज्म के अन्तर्गत नौकायन सुविधा का शुभारंभ करने के पूर्व सभा को संबोधित कर रहे थे। 24 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि मोटरबोट से लोग नजदीक से डॉल्फिन के अलावा प्रवासी पक्षियों को देख सकेंगे। नौका विहार में मुसहरी घाट से शंकरपुर दियारा जाने के लिए बच्चों का 25 रुपये और बड़ों का 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसके बाद बटेश्वरस्थान और सुल्तानगंज तक नौका विहार की सुविधाएं मिलेंगी। भीमबांध में महिला, बच्चों और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्वीमिंग पुल बनाये जाएंगे। मोदी ने कहा कि गंगा में डॉल्फिन की संख्या जितनी अधिक होगी उतना ही पानी शुद्ध होगा। देश में डॉल्फिन की गणना हो रही है।
जीव-जन्तु और पेड़-पौधों की चिंता करें
सुशील मोदी ने कहा कि मनुष्य को जीव-जन्तु और पेड़-पौधों की भी चिंता करनी चाहिए। छठ जैसी सफाई अगर 365 दिन की जाए तो गंदगी नहीं दिखेगी। केवल सरकार और नगर निगम के भरोसे सफाई नहीं हो सकती है। संकल्प लें कि कचरा जहां-तहां नहीं फेकेंगे। उन्होंने गंगा को प्रदूषित होने से बचाने की अपील की।
दो-ढाई माह में भागलपुर ओडीएफ को जाएगा
उन्होंने कहा कि सूबे में 12 जिले ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। भागलपुर भी दो-ढाई महीने में ओडीएफ हो जाएगा। भागलपुर में बाइपास का निर्माण 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा। विक्रमशिला के पास केन्द्रीय विवि के लिए जमीन का प्रस्ताव जिला प्रशासन भेजा चुका है। विक्रमशिला के समानांतर पुल निर्माण पर भारत सरकार 1900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। समारोह को मेयर सीमा साहा, विधान पार्षद डॉ. एनके यादव, जिप अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. डीके शुक्ला, डीएफओ एस सुधाकर आदि ने भी संबोधित किया।
गरूड़ बचाव एवं पुनर्वास केंद्र से पांच गरूड़ मुक्त
कदवा दियारा के जंगलों में छोड़ने के लिए तीन वाहन पर लाद कर भेजे जा रहे पांच गरूड़ों के रवानगी के अवसर पर दोपहर बाद करीब 3:05 बजे हाथ में हरी झंडी थामे सूबे के डिप्टी सीएम अचानक बोल बैठे, अरे पहले बताओं कि किसे हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहा हूं। गाड़ी निकल गयी तो फिर कैसे देखूंगा कि गाड़ी में लादकर क्या भेजा गया। इसके बाद डीएफओ एस सुधाकर डिप्टी सीएम के पास पहुंचे और बताये कि कदवा दियारा में पेड़ों से गिरकर घायल हुए गरूड़ों को सुंदरवन स्थित गरूड़ बचाव एवं पुनर्वास केंद्र पर इलाज किया जाता है।
स्वस्थ होने के बाद उन्हें फिर से कदवा दियारा के जंगलों में छोड़ दिया जाता है। इसी के क्रम में यहां पर इलाज के बाद स्वस्थ हुए पांच गरूड़ों को पिजरे में बंद कर तीन वाहनों के जरिये कदवा दियारा छोड़ा जाना है। इसके बाद डिप्टी सीएम श्री मोदी ने एक वाहन में लदे पिजड़े को खुलवाकर उसमें बंद गरूड़ को देखा। तत्पश्चात उन्होंने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण व प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिहार डॉ. डीके शुक्ला के साथ हरी झंडी दिखाकर तीनों वाहनों को रवाना किया।