
“झूठा ड्रामा बंद करो, बढ़ा किराया वापस लो।” – इस मांग के साथ स्वराज इंडिया के वॉलंटियर्स ने दिल्ली के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर शुक्रवार को ज़ोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कीर्ति नगर, सीलमपुर, साकेत, न्यू अशोक नगर, पीरागढ़ी, जनकपुरी वेस्ट जैसे दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर बढ़े हुए किराये के विरोध में जागरूकता अभियान चलाया। पार्टी ने लोगों को बताया कि क्यूँ 6 महीने के अंदर दुबारा किराया बढ़ाना जायज़ नहीं है। साथ ही आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा ख़ुद किराया बढ़ाने के बाद अब किये जा रहे विरोध के नाटक को भी स्वराज इंडिया ने उजागर किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनुपम और उपाध्यक्ष वीणा आनंद ने कीर्ति नगर मेट्रो स्टेशन पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पार्टी उपाध्यक्ष कर्नल पी के अहलावत ने जनकपुरी वेस्ट और महासचिव नवनीत तिवारी ने सीलमपुर मेट्रो स्टेशन पर किराया वृद्धि का विरोध किया। इनके अलावा प्रदेश सचिव रमण और निशांत त्यागी ने न्यू अशोक नगर एवं जनकपुरी वेस्ट में अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन में भागीदारी की।
प्रदर्शन के दौरान स्वराज इंडिया टीम की कई ऐसे सवारियों से बातचीत हुई जो रोज़ाना मेट्रो में सफ़र करते रहे हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट पता चला कि दिल्ली के आम लोग, महिलाएं और छात्र मात्र 6 महीने के अंदर दूसरी बार किराया बढ़ाने से नाख़ुश हैं। दिल्लीवालों का मानना है कि किराये में नाजायज़ वृद्धि का महंगाई के इस दौर में उनकी जेब पर भारी असर पड़ेगा। अधिकतर महिलाओं का कहना था कि मेट्रो उनके लिए दिल्ली में एकमात्र सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन है लेकिन इस कदर किराया बढ़ने से उन्हें मजबूरन इसमें सफ़र करना कम पड़ सकता है।
दिल्ली के मेट्रो सवारियों से हुए संवाद से यह पता चला कि किराया वृद्धि लागू होने के बाद कई लोग वैकल्पिक परिवहन की तरफ़ जा सकते हैं। ज्ञात हो कि पिछली बार जब 10 मई को किराया बढ़ाया गया था तब भी मेट्रो सवारियों की संख्या में रोज़ाना डेढ़ लाख की कमी आ गयी थी। 10 अक्टूबर को हुई बढ़ोत्तरी के बाद सवारियों की संख्या में और भी कमी आएगी।
स्वराज इंडिया के प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने मांग किया कि मेट्रो के बढ़े हुए किराये तुरंत वापस लिए जाएं। मेट्रो का प्रबंधन और इससे संबंधित फ़ैसले दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय मिलकर लेती हैं। मेट्रो बोर्ड से लेकर निर्णय लेने वाली हर कमिटी में दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि होते हैं। 8 मई की जिस बैठक में किराया बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया था उसमें भी दिल्ली सरकार उपस्थित थी। तो अब ये विरोध का ड्रामा क्यूँ केजरीवाल जी? दिल्लीवालों की जेब पर डाका डालने के बाद ये तमाशा क्यों?
अनुपम ने सवाल किया कि अगर आम पार्टी और बीजपी दोनों ही किराये का विरोध कर रही थी तो मेट्रो का किराया आख़िर बढ़ाया किसने? ये तो दिल्लीवालों को बड़ी बेशर्मी से धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किराया वृद्धि के ख़िलाफ़ “सत्याग्रह” कर रही है लेकिन उनके आग्रह में तो “सत्य” ही ग़ायब है।
अनुपम ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में दिल्ली की सड़कों पर लग रही भारी जाम और वायु प्रदूषण से परेशान दिल्लीवालों के हित में है कि बढ़ा किराया वापस हो। यदि इसके बाद भी किराये में वृद्धि वापस नहीं ली जाती है तो स्वराज इंडिया इस गंभीर मुद्दे पर आंदोलन को और तेज करेगा।
