
बेतिया। पश्चिम चंपारण बेतिया बिहार राज्य खाद्य निगम गोदाम में अधिक वजन तौलने की समस्या जस की तस बनी हुई है। तो दूसरी तरफ यहां गाड़ी लोड करने वाले मजदूर को भी अपनी समस्या से ग्रसित हैं। दिन-ब-दिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है। राशन कार्ड धारी की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर डीलरों द्वारा ले जाने वाले खाद सामग्री को लोड करने के बाद गोदाम से बाहर धर्म कांटा पर तौल प्रक्रिया किया जाता है। दूसरी तरफ ऐसी समस्या भी सुनने को मिल रहा है कि किसी बोरे में 45 किलोग्राम तो किसी में 55 किलोग्राम वजन होता है तथा गाड़ी से राशन के बोरे को उतारने रखने में भी कई बोरो में छेद होने के कारण राशन जमीन पर गिरने से बर्बाद हो जाते हैं। जिसका नुकसान राज्य सरकार उठाती है ।वहीं दूसरी ओर पोलदारो का कहना है कि सरकारी दर से उन्हें राशन के बोरो का गाड़ी से उतारने-चढ़ाने के रूपए नहीं प्राप्त हो पाते हैं। सूत्रानुसार पोलदारो के लिए टेंडर प्रक्रिया है। जो उसके रेट निर्धारित करती है। आज के समय में ₹3 प्रति बोरा के दर से पोलदारो को मजदूरी राशि दिया जाता है। जिसको लेकर पोलदारो का कहना है कि उनका इतने रुपया में परिवार के साथ गुजर बसर करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वहीं एसीएम बेतिया अरुण कुमार का कहना है कि कई जगह बोरो का लोडिंग-अनलोडिंग किया जाता है। जिसके कारण राशन थोड़े बहुत गिरते हैं। तौलने के लिए सरकार के द्वारा मशीन प्राप्त है। लेकिन बहुत भारी वजन तौलना मुमकिन नहीं है। जिस कारण बाहर धर्म कांटा पर तौल कर राशन को दिया जाता है।
