बिहार काँग्रेस की आमंत्रण यात्रा, वापस आएंगे पुराने काँग्रेसी

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पटना: बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी अपने पुराने नेताओं को पार्टी में वापस लाने की कोशिशों में जुट गई है. काँग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी नेता बिहार में आमंत्रण यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. बिहार काँग्रेस की आमंत्रण यात्रा के दौरान पुराने काँग्रेसी पार्टी में वापस आ सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो चुके काँग्रेस नेताओं को पार्टी में वापस लाने का प्रयास होगा. काँग्रेस की इस आमंत्रण यात्रा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भी सहमति मिल चुकी है.
पार्टी छोड़ चुके नेताओं को वापस लाने की कवायद
बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने आमंत्रण यात्रा शुरू होने की पुष्टि की है और कहा कि पार्टी विभिन्न जिलों में यात्रा का आयोजन करेगी. पार्टी छोड़ चुके नेताओं को दल में वापस लाने की कोशिशें तो होंगी ही साथ ही पार्टी के नेताओं को भी संगठन को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. पार्टी इस दौरान अपने आधार को मजबूत करेगी.
एनडीए में गए नेताओं की होगी वापसी
भाजपा-जदयू और एनडीए के घटकों समेत दूसरे दलों में जाने वाले काँग्रेस नेता अब पुराने घर का रूख कर सकते हैं. पार्टी छोड़कर गए कांग्रेसी एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी में वापस आ सकते हैं. कोई खुलकर भले न बोल रहा हो लेकिन पटना के राजनीतिक गप्पबाजियों वाले अड्डों पर ऐसी चर्चाओं ने रफ्तार पकड़ ली है. एमएलए फ्लैट, चिड़ियाखाना, सदाकत आश्रम, सचिवालय के पास के अड्डों पर ऐसी चर्चाएँ काफी तेज हैं.
खरमास समाप्त अब जोश में आएंगे पार्टी नेता
पालाबदल और घरवापसी के लिए खरमास समाप्ति तक इंतजार किया जा रहा था. बिहार में खरमास में कोई नया काम करने की परंपरा नहीं है. जनवरी से सम्मान यात्रा की भी शुरुआत होने वाली है. यात्रा शुरू होने के बाद कई नेता घरवापसी कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में गए कई नेता इन दिनों प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में हैं. पार्टी में सम्मान के साथ वापस आने के लिए कई नेता तैयार बैठे हैं. घरवापसी के लिए इच्छुक पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक जैसे नेता अपने हिसाब से बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं. उचित अवसर और समुचित सम्मान के साथ इन नेताओं की वापसी कभी भी हो सकती है. हालांकि बहुत कुछ काँग्रेस के मौजूदा नेताओं पर भी निर्भर है. काँग्रेस नेता व्यक्तिगत अहम, टकराव और गुटबाजी से ऊपर उठकर यदि काँग्रेस को मजबूत करने के इरादे से काम करें तो आने वाले दिनों में काँग्रेस की तरफ नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का भी झुकाव बढ़ेगा.

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