* ललित कुमार मिश्रा की रपट
बोकारो – 06 सितम्बर 2017
31 मार्च 2018 तक पुरे बोकारो जिला को खुले मे शौच मुक्त बनाना है। लेकिन बोकारो जिले के 19 विस्थापित गाॅव को बिना जोडे आखिर कैसे खुले मे शौचमुक्त हो पायेगा पुरा जिला। साथ ही ये सवाल भी है कि बिना 19 गाॅवो को जोडे कैसे हो पायेगा बोकारो जिला ओडीएफ जिला। सबसे बडा यक्ष्य प्रश्न यही है। एैसे मे इस 19 गाॅवो का मामला झारखंड विधानसभा मे भी उठ चुका है। अब बोकारो जिला प्रशासन इन 19 गाॅवो के मामले मे सरकार के दिशा निर्देश के इंताजर मे है। ताकि इन्हे भी सरकार के शौचाल के बेनीफीट का सहारा दिया जा सके। क्या है 19 गाॅव का पेंच देखिये इस पुरी रिपोर्ट को।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पुरा देश खुले से शौच मुक्त हो रहा है। लेकिन बोकारो जिले का 19 गाॅव आज भी खुले मे शौच कर रहा है। रोज सुबह होते ही महिला बच्चे और पुरूष लौटा लेकर गाॅव के खेत मे चले जाते है। पुछने पर कहते है क्या करे 19 गाॅव के हजारो लोग न तो शहर मे है और न गाॅव मे एैसे मे सरकार द्वारा ख्लाये जा रहे योजनाओ का लाभ इन तक नही पहुॅचता है।
क्या है पुरा मामला —
दरअसल बोकारो जिले का ये 19 गाॅव विस्थापित गाॅव है। एैसे मे इन गाॅवो कि पुरी जिम्मेदारी बोकारो स्टील प्लान्ट कि है। बोकारो स्टील प्लान्इ कि पुरी जिम्मेदारी इन गाॅवो को विजली, पानी और शिक्षा मुहैया कराना होता है। सारी राशी बोकारो स्टील प्लान्ट को अपने सीएसआर के फंड से करना होता है। लेकिन गाॅव के लोगो का कहना है कि आज तक गाॅव मे कोई विकास नही हुआ सिवा आदर्श ग्राम के बोर्ड के लगने को छोडकर। एैसे मे सरकार द्वारा कोई योजना इस क्षेत्र मे लाया जाता है तो उसे बोकारो स्टील प्लान्ट यानी सेल से एनओसी लेनी होगी। एैसे मे एनओसी के लिए पुरा मामला लटका हुआ है। जिससे गाॅव के लोग विकास से कोशो दूर रह जा रहे है।
गाॅव वालो का कहना है कि हमे वोट देने का अधिकार है लेकिन न तो हम गाॅव मे आते है औ न ही श्सहर मे। बीएसएल आदर्श ग्राम का बोर्ड लगा दिया है लेकिन यहाॅ शौचालय तक नही है। एैसे मे बाहर शौच न कीेएैसे मे गाॅव के लोग अब सरकार कि और आशा भरी नजरो से देख रहे है।
बोकारो स्टील प्लान्ट के प्रबंधन कुछ भी कहने से बच रहे है लेकिन बोकारो उपायुक्त ने कहा कि इस पर बात चल रही है और आगे जैसा सरकार का दिशा निर्देश आयेगा उसी के तहत काम होगा। सवाल ये कि जिस तरह से पुरा जिला ओडीएफ घोषीत करने कि तैयारी है एैसे मे 19 गाॅव वंचित रह जायेगे तो भला कैसे होगा खुले मे शौच मुक्त का सपना पुरा। सरकार को जल्द इस ओर सोचना होगा।
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