- आर के सिंह ने सभी घरों के बिजलीकरण की निगरानी के लिए एक प्लेटफॉर्म वेब पोर्टल ‘‘सौभाग्य’’ लांच किया
- सौभाग्य देश के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में घरेलू बिजलीकरण में तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा
- सरकार वायु प्रदूषण कम करने के लिए सभी ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयला में 10 प्रतिशत तक ष मिलाना अनिवार्य करेगी : आर.के.सिंह
विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के.सिंह ने आज यहां प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत ‘सौभाग्य’ वेब पोर्टल लॉंच किया। इस पोर्टल को http://saubhagya.gov.in. पर देखा जा सकता है।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि सौभाग्य-डैश बोर्ड घरों के बिजलीकरण की प्रगति की निगरानी का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो घरेलू बिजलीकरण की स्थिति (राज्य, जिला, गांवों के क्रम में), लाइव आधार पर प्रगति, राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धि तथा बिजलीकरण की मासिक प्रगति के बारे में सूचनाओं का प्रसार करेगा।

विद्युत मंत्री ने कहा कि 4 करोड़ घरों का बिजलीकरण एक बड़ी चुनौती है, फिर भी सरकार ने सभी राज्यों के सहयोग से दिसम्बर, 2018 तक यह लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है। इससे भारत के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। सरकार विद्युत पारिस्थितिकी प्रणाली में परिवर्तन ला रही है और प्रीपेड तथा स्मार्ट मीटरों के माध्यम से सभी नये बिजली कनेक्शन के लिए मीटर की व्यवस्था अनिवार्य बनाने का काम कर रही है। श्री सिंह ने कहा कि इससे गरीब लोगों के लिए बिजली का बिल भरना आसान होगा, बिजली नुकसान में कमी आएगी और बिजली बिल भुगतान परिपालन में वृद्धि होगी।
श्री सिंह ने सौभाग्य पोर्टल की चर्चा करते हुए कहा कि इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये सभी राज्य बिजलीकरण कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी देंगे और इससे राज्य बिजली कंपनी/डिस्कॉम के लिए उत्तरदायी प्रणाली बनेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मिजोरम, नगालैंड, छत्तीसगढ़ और असम सहित सात राज्यों ने सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली मंत्रालय से कोष की मांग की है। श्री सिंह ने कहा कि बिजलीकरण काम के लिए कोष शीघ्र जारी किया जाएगा।
सौभाग्य वेब पोर्टल में ग्रामीण बिजलीकरण शिविरों के बारे में एक फीचर है और इस फीचर के अनुरूप बिजली वितरण कंपनियां गांवों/गांवों के समूहों में शिविर लगाएंगी और मौके पर आवेदन करने तथा घरों को बिजली कनेक्शन देने संबंधी आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने में मदद करेंगी। सभी राज्यों से आयोजित किये जाने वाले ग्रामीण शिविरों के कार्यक्रम घोषित करने का आग्रह किया गया है, ताकि बिजली कनेक्शन पाने के लिए एक स्थान पर मिलने वाली सुविधा को लेकर लोगों में जागरूकता आए।
बिजली वितरण कंपनियां/राज्य बिजली विभाग भी समर्पित वेब पोर्टल/मोबाइल एप के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक रूप में डाटा एकत्रीकरण कर सकेंगे। इसमें बिजली कनेक्शन लेने का आवेदन भी शामिल होगा। बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं के ब्यौरे जैसे नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड एकत्र करेंगी।
श्री सिंह ने बताया कि उनके मंत्रालय ने एनटीपीसी को ताप विद्युत संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ 10 प्रतिशत तक फसलों के अवशेष मिलाने का निर्देश दिया है। इससे पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में खरपतवार और पराली जलाने में कमी आएगी और वायु प्रदूषण कम होगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों को 5,500 रूपये प्रति टन फसल अवशेष के लिए प्राप्त होगा। फसल अवशेष एकत्रित करने के लिए अवसंरचना तैयार की जा रही है और एनटीपीसी इस संबंध में शीघ्र ही निविदा जारी करेगी। श्री सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय राज्यों के दायरे में आने वाले ताप विद्युत संयंत्रों के लिए इस कदम को अनिवार्य करने के लिए राज्यों से बातचीत कर रहा है।
संदर्भ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितम्बर, 2017 को सौभाग्य योजना शुरू की थी। यह योजना 12,320 करोड़ रूपये के बजटीय समर्थन सहित 16,320 करोड़ रूपये की है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी इच्छुक घरों और शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्श्ान दिया जाता है। देश में 4 करोड़ घरों का बिजलीकरण नहीं हुआ है और दिसम्बर, 2018 तक इन घरों को बिजली देने का लक्ष्य है।
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