बाढ़ का प्रलय, बेघर लोंगो के लिए अब सर्पदंश की बढ़ी समस्या, सर्पदंश से दो महिलाओं की हुई मौत

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अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट।

बाढ़ के प्रलय से लोग बेघर हो गए है। जिंदगी नर्क बन गयी है। घर डूब गए है। तो लोगो ने ऊँचे स्थलों और बांधो पर शरण लिए हुए है।अब वह स्थान भी लोगो के लिए सुरक्षित नही है। चारो ओर से जल से घिरे होने के कारण अब विषैले साप भी वही आ जा रहे है। जिससे सर्प दंश की घटना बढ़ने लगी है। जिससे लोग भयभीत है। बाढ़ का तो भी सता ही रहा था। अब सर्पदंश और विषैले कीड़े मकोड़े का भी भय ग्रामीणों को सताने लगा है। प्रखण्ड के उसरी चाँदपुरा निवासी मुन्ना दास की 16 वर्षीय पुत्री दीपा कुमारी को बुधवार को बाढ़ के पानी मे एक जहरीला साप ने काट लिया। जिससे उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टन के लिए छपरा भेज दिया है।

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वही पूर्व में नारायणपुर निवासी परमेश्वर राय की पत्नी झरिया देवी की भी मौत साप के काटने से हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वह जल से घिरे ऊँचे स्थानों पर भी सुरक्षित नही है। जान जोखिम में डालकर दैनिक उपभोग की वस्तुएँ खरीदने जाना पड़ रहा है। और उसमें भी अब विषैले जानवरो का भय सत्ता रहा है। प्रखण्ड के लोग बाढ़ के विनाशकारी प्रलय से पाँच दिनों से जूझ रहे है।अब तक बाढ़ से कोई राहत नही है।हालांकि प्रखण्ड के उतरी क्षेत्र में पानी आंशिक घटा है तो दक्षिणी क्षेत्र में संग्रामपुर बाँध के टूटने से पानी बढ़ रहा है। अब भी प्रखण्ड के सात दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित है।ग्रामीण सड़को पर पानी बह रहा है।आवागमन बाधित है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब पशुओ के चारा का संकट बढ़ गया है।जिससे पशुपालक परेशान है।पोखरेरा के पशुपालक रंजीत साह के भैस की मौत भूख से हो गयी।वर्तमान मुखिया मीरा शर्मा और पूर्व मुखिया वीरबहादुर राय ने चारा वितरण की मांग की है।वही पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा प्रमोद कुमार ने बताया कि पोखरेरा में चार टन चारा का वितरण किया गया है।तथा और चारे की डिमांड की गई है।

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