* वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत घोटाला *
* 31 लोगों को दी गई अवैध नौकरी *
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएनएस कॉलेज, रजौली, बांका का बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत सरकारी अनुदान दिलाने के नाम पर अवैध नियुक्ति की गई. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 60(I)-(VII) के दुरूपयोग कर 31 लोगों का नियमितीकरण भी किया गया. इतना ही नहीं डीएनएस कॉलेज में वर्षों से अनुपस्थित शिक्षकों की उपस्थिति भी बनायी गई जो कॉलेज प्रशासन द्वारा बड़े फर्जीवाड़े और घोटाले की ओर इशारा करता है. दरअसल तिलकामांझी भागलपुर विश्विद्यालय के रसायन विभाग के रहे हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट से रिटायर्ड विवेकानंद मिश्र ने इस मामले का खुलासा किया है।
आपको बता दें कि बिहार राज्य विवि अधिनियम के अनुसार शासी निकाय के शिक्षाविद सदस्य सिर्फ वो बन सकते हैं जो उस जिले में रहते हों. राजीव रंजन सिंह 1985 से प्रतिदिन का वेतन सबौर कॉलेज से उठाते हैं और भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले में रहते हैं. मिश्र ने बताया कि वर्षों से अनुपस्थित प्रधानध्यापक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी की उपस्थिति सूचि बनाकर 31 लाभार्थियों को अवैध नियमितीकरण करवाया गया है।