बड़ा खुलासा : घोटालों का शहर बनता भागलपुर

 * वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत घोटाला *

* 31 लोगों को दी गई अवैध नौकरी *

“देश-प्रदेश मीडिया” से साभार, सम्पादक आनंद कौशल की रिपोर्ट।
भागलपुर।

whatsapp-image-2017-08-18-at-6-12-45-pm1तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएनएस कॉलेज, रजौली, बांका का बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत सरकारी अनुदान दिलाने के नाम पर अवैध नियुक्ति की गई. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 60(I)-(VII) के दुरूपयोग कर 31 लोगों का नियमितीकरण भी किया गया. इतना ही नहीं डीएनएस कॉलेज में वर्षों से अनुपस्थित शिक्षकों की उपस्थिति भी बनायी गई जो कॉलेज प्रशासन द्वारा बड़े फर्जीवाड़े और घोटाले की ओर इशारा करता है. दरअसल तिलकामांझी भागलपुर विश्विद्यालय के रसायन विभाग के रहे हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट से रिटायर्ड विवेकानंद मिश्र ने इस मामले का खुलासा किया है।

whatsapp-image-2017-08-18-at-6-12-45-pm2आपको बता दें कि बिहार राज्य विवि अधिनियम के अनुसार शासी निकाय के शिक्षाविद सदस्य सिर्फ वो बन सकते हैं जो उस जिले में रहते हों. राजीव रंजन सिंह 1985 से प्रतिदिन का वेतन सबौर कॉलेज से उठाते हैं और भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले में रहते हैं. मिश्र ने बताया कि वर्षों से अनुपस्थित प्रधानध्यापक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी की उपस्थिति सूचि बनाकर 31 लाभार्थियों को अवैध नियमितीकरण करवाया गया है।

उन्होंने कहा कि इस मामले की सारी जानकारी गवर्नर हॉउस और शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजी जा चुकी है लेकिन अबतक आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई . उन्होंने एप्लीकेशन के माध्यम से अवैध नियमितीकरण पर रोक लगाने की मांग की है. यह मांग भी की गई है कि जांच एवं कार्रवाई के दौरान शैलेश प्रसाद सिंह, राजीव रंजन सिंह एवं विधायक सदस्य को महाविद्यालय एवं विवि के सभी निकायों से अलग रखा जाय ताकि जांच प्रभावित न हो।

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