बिहार में बढ़ते अपराध के बीच पुलिस प्रसासन लगातार सवालों के घेरे में है। बात पुर्णिया पुलिस की करे तो 18 अप्रैल को जहाँ लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा था वही मरंगा थाना क्षेत्र में नामजद आरोपी एक नाबालिक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या जैसे घिनोने पाप की घटना को अंजाम दे रहा था।
घटना के बाद से ही लगातार पुलिस लोगो को नामजद आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वाशन देता रहा लेकिन पुलिस आरोपियों को गिफ्तार करने के बाद छोड़ दिया जिससे मरंगा ग्राम वासी आक्रोशित होकर प्रदर्शन के लिए पहुँच गए।
आज सैकड़ो की संख्या में महिलाओ ने एसपी कार्यलय का घेराव कर पुलिस प्रसासन के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। देखते देखते कुछ ही पल में पुलिस मुख्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गयी। पुलिस ने तत्काल महिलाओं के भीड़ से पांच लोगों को हिरासत में ले लिया है।
वही मृत पीड़ित नाबालिक लड़की की माँ ने पुलिस पे कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर लाठी से मार भगाने की बात पुलिस ने कही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों को लेन देन कर छोड़ दिया है। उल्टा इंसाफ दिलाने के बदले मरे पति के साथ पुलिस कार्यलय आये चार लोगों को हिरासत में लेकर हम महिलाओं पर पुलिसिया दबाब बनाया जा रहा है।
