पटना, 31 मई 2019:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र बनी नयी सरकार में सांकेतिक रूप से शामिल होने इस इनकार करने के बाद शुक्रवार को दिल्ली से पटना लौटे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इससे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रस्ताव से हमारी पार्टी सहमत नहीं। पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलनी चाहिए। सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं। घटक दलों को एक-एक मंत्री पद दें रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि हमें मंत्रिमंडल में सांकेतिक पद की जरुरत नहीं है। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रकार की नाराजगी से इंकार किया और कहा कि 2020 के विधान सभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग ये फैला रहे हैं कि हमने मंत्रिमंडल में कम से कम तीन सीटों की मांग की। ये पूरी तरह गलत है। हमने किसी भी संख्या की बात नहीं की। सिर्फ अनुपात के हिसाब से भागीदारी की बात कही। क्या जदयू भविष्य में मोदी कैबिनेट में शामिल होगी? इस पर नीतीश ने कहा कि आगे की बात बाद में सोची जाएगी। जहां तक संख्या की बात है तो भाजपा के पास केंद्र में बहुमत है।
मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने की आवश्यकता नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि एन0डी0ए0 की बैठक के बाद संसदीय दल की बैठक हुई थी, जिसमे श्री नरेद्रं मोदी को नेता चुना गया। उसके बाद राष्ट्रपति भवन जाकर हमलोगों ने समर्थन पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बुलावे पर 29 मई को हम दिल्ली गये थे। उसी समय यह बात कही गयी थी कि एन0डी0ए0 के जिन घटक दलों के सांसद निर्वाचित हुए हैं, वैसे सभी दलों को मंत्रीपरिषद में सांकेतिक रूप से एक-एक सीट पर प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी की लोकसभा में 16 जबकि राज्यसभा में 6 सीटे हैं जो सभी बिहार से हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल होने के लिए हमने कभी कोई प्रपोजल नहीं दिया। मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के मसले पर हमारी पार्टी की कोर टीम में शामिल नेताओ ने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होने कहा कि मंत्रिपरिषद मे शामिल होना ही साथ होने का प्रमाण नहीं है। हमलोग पूरे तौर पर एन0डी0ए0 के साथ हैं।
बिहार के पिछड़ेपन को समाप्त करने के लिये किया है गठबंधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के हित को ध्यान मे रखते हुए हमलोगो ने गठबंधन किया था ताकि बिहार का पिछड़ापन समाप्त हो सके इसलिए मंत्रिपरिषद में हमारी पार्टी की भागीदारी नहीं होने से हमे कोई चिंता, परेशानी या अफसोस नहीं है। उन्होने कहा कि कैबिनेट मे घटक दलों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व होना चाहिए। हालांकि भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत मिला है इसलिए वे निर्णय लेने के हकदार हैं। मंत्रिपरिषद में प्रोपोर्शनल या सांकेतिक रूप से घटक दलों की भागीदारी हो, इसका निर्णय बीजेपी को करना था। बिहार में जो चुनावी कैंपेन किये गये, उसमे सभी लोगो ने एक-दूसरे का साथ दिया।
बीजेपी की हारी हुई आठ सीटों पर जद यू ने जीत हासिल की है
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट में सांकेतिक रूप से भागीदारी को लेकर हमलोगो की कोई इच्छा नहीं है। केन्द्रीय कैबिनेट में सामाजिक समीकरण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार करते हुए कहा कि यह उनका अंदरूनी मसला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की हारी हुई आठ संसदीय सीटों पर जदयू ने जीत हासिल की है। किशनगंज के परिणाम की किसी को उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूँ कि भविष्य में केन्द्रीय कैबिनेट में जदयू के शामिल होने का कोई प्रश्न नहीं है। उन्होंने कहा कि एलायंस में प्रारंभ में जो बातें होती हैं, वही आखिरी होती है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि आगे वे किस प्रकार से काम करना चाहेंगे।
मंत्रिपरिषद में दलों का कोटा पहले से तय है
मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन चाहे किसी से भी हो, हमलोग बिहार में गठबंधन के घटक दलों को आनुपातिक ढंग से मंत्रिपरिषद में शामिल करते हैं। मंत्री पद को लेकर बिहार में किसका क्या कोटा होगा, वह पहले से ही तय है। उन्होंने कहा कि अटल जी के सरकार में भी यही व्यवस्था लागू थी लेकिन उस समय भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं था। अभी की बात अलग है क्योंकि भाजपा खुद पूर्ण बहुमत मे है।
धारा-370 और विशेष राज्य का दर्जा पर हमलोगो की राय पब्लिक डोमने मे है
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मंत्रिपरिषद में सांकेतिक रूप से भागीदारी को लेकर किसी की कोई रूचि नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को इस बात को लेकर भ्रम नहीं होना चाहिए कि सरकार में शामिल होना ही साथ रहने का प्रमाण है। उन्होने कहा कि पहले से ही हम यह कहते रहे हैं कि पिछड़े राज्यो को पिछडप़े न से दूर निकालने एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल करने की आवश्यकता है। धारा-370, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे मसले पर हमलोगो की राय पब्लिक डोमने मे है। मुख्यमंत्री ने 2020 मे होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव मे नवगठित मंत्रिपरिषद के सामाजिक समीकरण के प्रभाव से इनकार करते हुए कहा कि इसका कोई असर नहीं होगा।