पटना:राजधानी में नगर निगम और जल पर्षद की लापरवाही का खामियाजा एक मासूम को भुगतना पड़ा। शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे पुनाईचक संप हाउस के नाले में गिरकर दस वर्ष का दीपक लापता हो गया। वह अपने पिता गुड्डू राम को खाने का टिफिन पहुंचाकर पुनाईचक के मोहनपुर स्थित अपने घर लौट रहा था। उसके पिता बोरिंग रोड स्थित यमुना अपार्टमेंट के पास ठेला पर फल और पानीफल सिंघाड़ा बेचते हैं। वहां से लौटते समय राजेश पथ स्थित संप हाउस के हौज की बाउंड्री पर चढ़कर वह जा रहा था। वहीं खड़ी एक गाय से बचने के चक्कर में उसका संतुलन बिगड़ा और करीब 12 फीट गहरे हौज में गिरकर अंडरग्राउंड नाले में बह गया। उस समय संप हाउस चल रहा था। वहां पानी का बहाव तेज था। देर रात तक दीपक का पता नहीं चल सका था। उसके साथ उसका दोस्त राहुल था, जिसने शोर मचाकर और दीपक के घर जाकर घटना की जानकारी दी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और नगर निगम की टीम बचाव कार्य में लगी थी।
दस मिनट तक चलता रहा संप हाउस
दीपक के गिरते ही राहुल तेजी से हल्ला करते हुए घर पर सूचना देने के लिए भागा। वहीं खड़ी एक महिला भी राहुल की आवाज सुन शोर मचाने लगी। लोग उसकी आवाज सुन संप हाउस बंद कराने के लिए भागे। इस बीच लगभग 10 मिनट तक पूरी क्षमता से संप हाउस चलता रहा। संप बंद होने के बाद जब हॉज का पानी कम हुआ तो लोगों ने दीपक को ढूंढ़ा, लेकिन वह कहीं नहीं दिखा।
डीएम को फोन किया, तब पहुंचे निगम अधिकारी
स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना नगर निगम अधिकारियों को देने के लिए फोन किया। लेकिन न तो नगर आयुक्त से बात हो पाई और न ही अन्य अधिकारी ने फोन उठाया। तब डीएम कुमार रवि को इसकी सूचना दी गई। उन्होंने तत्काल निगम और पुलिस के पदाधिकारियों को सूचना भिजवाई और बचाव कार्य के लिए निर्देश दिए।
साढ़े तीन घंटे बाद शुरू हुआ बचाव कार्य
घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद निगम के अधिकारी पहुंचे। संसाधन विहीन पटना नगर निगम के कर्मचारी बिना मास्क के पहुंचे। कोई निगमकर्मी अंदर नहीं जा पाया। जेसीबी से कई जगहों पर खुदाई की गई। निगम के फेल होने पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को सूचना दी गई। साढ़े तीन घंटे बाद एनडीआरएफ के डीप ड्राइवर पहुंचे तब सही रूप में बचाव कार्य शुरू हुआ।
अपने मां-बाप का इकलौता था दीपक
दीपक के पिता गुड्डू राम मूल रूप से दुल्हिन बाजार के अलीपुर के निवासी हैं। पटना में उनका परिवार पुनाईचक के मोहनपुर स्थित 23 कोठी में किराये पर रहता है। चार भाई बहनों में दीपक दूसरे नंबर का था। इकलौता पुत्र होने के कारण दीपक अपने मां-बाप और बहनों का दुलारा था। पुनाईचक के कन्या मध्य विद्यालय में कक्षा दो का छात्र था। उसकी बड़ी बहन शोभा भी उसी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ती है।