पटना, 04 जनवरी 2018:
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के तीसरे चरण में मधेपुरा जिला स्थित सिंघेश्वर प्रखंड के गौरीपुर गाँव का भ्रमण कर सात निश्चय की योजनाओं के साथ ही अन्य विकासात्मक योजनाओं के कार्यों का जायजा लिया। मवेशी हाट सिंघेश्वर स्थान स्थित जनसभा स्थल मंच से मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिये 621 करोड़ रुपये की लागत वाली 1,565 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमे 133 करोड़ रूपये की लागत वाली 658 योजनाओं का उद्घाटन और 488 करोड़ रुपये की लागत वाली 907 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इसके बाद मधेपुरा जिला प्रशासन द्वारा तैयार जिले के अंदर विकासात्मक योजनाओं से संबंधित चार पुस्तिकाओं का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने ई-मंडी मधेपुरा वेबसाइट की लॉन्चिंग भी की। मुख्यमंत्री ने संथाल सुनिश्चित रोजगार कार्यक्रम के तहत मिलने वाले लाभ का स्वीकृति पत्र 24 संथाली बहनों के बीच वितरित किया। ऋण स्वरूप 15 करोड़ 67 लाख 50 हजार रुपये का एस0बी0आई0 का डमी चेक मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी अंचल कुमारी को प्रदान किया। स्थानीय नेताओं ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता और माला भेंटकर उनका अभिनंदन किया। हेलीपैड से मुख्यमंत्री का काफिला गौरीपुर गाँव पहुँचा, जहाँ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पाग पहनाकर और फूल-मालाओं से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गौरीपुर गाँव मे हर घर नल का जल, गली-नाली पक्कीकरण, बिजली कनेक्शन, शौचालय निर्माण जैसे सात निश्चय सहित अन्य विकासात्मक योजनाओं के माध्यम से किये जाने वाले विकास कार्यों की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री ने गौरीपुर पंचायत की मुखिया श्रीमती मोहिनी देवी, रविन्द्र नारायण ठाकुर उर्फ पंडा बाबा, छोटू ठाकुर सहित अन्य कई ग्रामवासियों से मुलाकात कर ली। गौरीपुर गाँव भ्रमण के क्रम में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने भूमिहीन ग्रामीणों के लिए कलस्टर में बने (सामूहिक) शौचालय का उद्घाटन रिबन काटकर किया। गौरीपुर गाँव मे मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण भी किया। जनसभा स्थल मंच पर मधेपुरा जिलाधिकारी ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जबकि स्थानीय नेताओं ने शॉल, पुष्प गुच्छ और माला पहनाकर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के क्रम में मैं आपके बीच आया हूॅ और आप इस भीषण ठंड में इतनी बड़ी तादाद में यहां मौजूद हैं, इसके लिए मैं आपका अभिनंदन करता हूॅ और हृदय से धन्यवाद देता हूॅ। उन्होंने कहा कि 12 जून 2009 को विकास यात्रा के क्रम में मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर स्थान पर जो पर्यटन विभाग द्वारा बनाया गया है, आया था और रात्रि विश्राम यहीं पर किया था। उस दौरान लोगों से मुलाकात भी हुई थी, बातचीत हुई और सभा का आयोजन भी हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा को लेकर जब कार्यक्रम निर्धारित हो रहा था, तभी मैंने निर्णय लिया और मेरे मन में यह बात आई कि 2009 में विकास यात्रा के क्रम में हम जिन गाँवों और स्थलों में गए थे, विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के क्रम में भी उन स्थानों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि सिंहेश्वर स्थान पुण्य भूमि है, मैं इसको नमन करता हूॅ, जहाॅ अनेक बार जनसभा और सरकारी कार्यक्रमों के क्रम में आने का मुझे मौका मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरीपुर गांव के वार्ड संख्या 9 और 10 का भ्रमण कर आया हूॅ और वहां पर जो विकास के काम हुए हैं, उसको देखकर काफी प्रसन्नता हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के क्षेत्र में कई काम हुए हैं और आधारभूत संरचना का भी निर्माण किया गया है। कहा कि मधेपुरा से पटना पहले जाना होता था तो लोग सोचते थे कि कब चलेंगे और कब पहुंचेंगे। हमलोगो को भी पटना से जब मधेपुरा आना होता था तो सोचा करते थे कि आखिर कितनी देर लगेगी, लेकिन अब पूरे बिहार मे काफी संख्या मे सड़को का निर्माण हुआ है, जिससे संपर्कता बढ़ी है। अब हमलोगो ने तय किया है कि हर गांव को पक्की सड़को से जोड़ेंगे। यहां तक की ढाई सौ तक की आबादी वाले गांवो को या बडे़-बडे़ गांव मे जो छोटे बडे़ टोले हैं, उनको भी पक्की सड़को से जोड़ा जा रहा है। कहा कि अधिकांश टोलो मे एससी-एसटी और पिछड़ वर्ग के लोग रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव की गली कच्ची रहने के कारण लोगो को निकलने मे काफी तकलीफ होती थी और गर्मी के दिनो मे भी कई जगहो पर उन्हे कीचड़ से जूझना पड़ता था, जिसको देखते हुए हमने तय किया कि हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जाएगा ताकि बिना पैर गंदा किए लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सके, इसके लिए 7 निश्चय योजना मे व्यवस्था की गई है। हर किसी की अपेक्षा होती है कि उन्हें नल का पानी पीने को मिले, इसके लिए हर घर नल का जल योजना बनाई गई है। इलाका आयरन प्रभावित है और जिन इलाको मे गुणवत्ता प्रभावित पानी नहीं है, वहां पीएचईडी के माध्यम से स्वच्छ पेयजल लोगो को मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं जिन इलाको मे गुणवत्ता की समस्या नहीं है, वहां पचंयतो के माध्यम से पंपिगं सेट लगाकर और छोटे टैंक का निर्माण कर वार्ड वाइज लोगो ं को हर घर नल का जल योजना के तहत पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। दोनो सुविधाए वह चाहे नल का जल हो या पक्की गली-नाली का निर्माण, चार सालों के अंदर हर हाल मे लोगो को यह सुविधा मिलेगी। इसके अलावा हर घर शौचालय का निर्माण भी कराना है और इसके लिए जिन परिवारो के घर में शौचालय निर्माण के लिए जगह नहीं है, उनके लिए सामूहिक रूप से शौचालय बना कर एक-एक परिवार को एक-एक शौचालय की चाबी सुपुर्द की जा रही है और इसी क्रम मे गौरीपरु गांव मे 15 परिवारो को शौचालय की चाबी सुपुर्द की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है और पहले 700 मेगावाट की खपत पूरे बिहार में भी नहीं होती थी, बिजली आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं था। 15 अगस्त 2012 को स्वाधीनता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान मे दिए गए अपने अभिभाषण की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन मैंने ऐलान किया था कि अगर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं लाएंगे तो हम 2015 के चुनाव में वोट मांगने नहीं जाएंगे। उसके बाद अब इस क्षेत्र मे ं इतना काम हुआ है कि 4600 मेगावाट से भी ज्यादा बिजली की आपूर्ति हो रही है और पूरे बिहार में कोई ऐसा गांव नहीं बचा है, जहां बिजली नहीं पहुंची ऐसे मे कुछ टोले जो बचे हैं, उसमे इस साल के अप्रैल तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक इच्छुक परिवार तक बिजली इस वर्ष के अंत तक हर हाल मे पहुँचाने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण, शौचालय निर्माण, हर घर बिजली कनेक्शन, हर घर नल का जल की उपलब्धता अगर हो जाए तो फिर बचा ही क्या है ? इसके अलावा तीन निश्चय और भी है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमो की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सभी नियुक्तियों मे महिलाओ को 35% आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ बिहार मे पंचायती राज और नगर निकायों के चुनाव मे महिलाओ को 50% का आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि 50% से भी ज्यादा महिलाएं जीत कर आईं हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनका आत्मबल बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा रहा है और अब तक आठ लाख स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जबकि हमारा लक्ष्य दस लाख स्वयं सहायता समूह बनाने की है। बालिका पोशाक योजना, बालिका साइकिल योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके कारण गांव का वातावरण और लोगों की मानसिकता बदली है। उन्होंने कहा कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से युवाओं को चार लाख रूपये का ऋण मुहैया कराया जा रहा है, ऐसे में हमने तय किया है कि अब अगले वित्तीय वर्ष से वित्त निगम के माध्यम से उनको राज्य सरकार पैसा देगी ताकि उन्हें बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़े। इसके साथ ही कुशल युवा कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक ब्लॉक में उन्हें 240 घंटे का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें कंप्यूटर प्रशिक्षण, व्यवहार कौशल और संवाद कौशल की ट्रेनिंग शामिल है। स्वयं सहायता भत्ता के माध्यम से एक हजार रूपये 2 साल तक रोजगार की तलाश में जुटे युवाओं को मदद भी पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला आई0टी0आई0, पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की जा रही है। आज मुझे खुशी है कि जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के द्वारा 1565 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है, इसके लिए मैं जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों को बधाई देता हूॅ। उन्होंने कहा कि मधेपुरा राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान का आज उद्घाटन हुआ है, जबकि बी0पी0 मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय का शिलान्यास इस समीक्षा यात्रा के क्रम में हुआ है। उन्होंने कहा कि जितने भी संस्थान बने हैं, इसके लिए पैसे और जमीन का प्रबंध करा दिया गया है ताकि हमारे युवाओं को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि पहले जहां बिहार के सुदूरवर्ती इलाके से पटना पहुंचने के लिए 6 घंटे का लक्ष्य निर्धारित था, अब उसे हासिल करने के बाद 5 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस दिशा में पुलों का बड़े पैमाने पर निर्माण, सड़कों का चैड़ीकरण और नई सड़कों का निर्माण भी तेज गति से हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में आई कोसी त्रासदी में आप सभी काफी प्रभावित हुए थे, जिसको हमने भी देखा था और पहले से भी बेहतर कोसी का निर्माण कराने का हमने संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उस समय जितने बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई थी, उसके एवज में केंद्र से सहायता नहीं मिली, बावजूद इसके हमने विश्व बैंक से कर्ज लेकर कोसी की बेहतरी के लिए मदद किया था ताकि पहले से बेहतर कोसी का निर्माण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी पूरे बिहार में लागू की गई लेकिन अब भी कुछ सिरफिरे चंद लोग हैं, जो शराब के धंधे में और उसका सेवन करने में लगे हैं, ऐसे में कार्रवाई तो होती है लोग पकड़े भी जाते हैं लेकिन जब तक आपका सहयोग इसमें नहीं होगा तब तक कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र को विकसित किया जा रहा है और 3 जनवरी को हमने समीक्षा बैठक की, जिसमें यह तय किया गया कि एक घंटे के अंदर कहीं से भी इस संबंध में कोई सूचना शराब का अवैध कारोबार करने या उसका सेवन करने को लेकर आती है तो वहां पुलिस के अधिकारी पहुंचकर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। जनसभा में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून को जितनी सख्ती से लागू करना है हम करेंगे लेकिन इसके लिए जनमत, जनजागृति ज्यादा प्रभावी है और ऐसे में इसके लिए आपको हर पल सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी कर हमने समाज में बदलाव की बुनियाद रखी है, जिसका नतीजा है कि आज पूरे बिहार में बहुत अच्छा वातावरण बना है। घरों में शांति और खुशहाली लौटी है और जो लोग शराब में पैसे गंवा दिया करते थे, अब परिवार की बेहतरी और भरण पोषण में उन पैसों का इस्तेमाल हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश के अपराध के ग्राफ को देखें तो बिहार में अपराध में काफी कमी आई है, महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी हुई है और अब अपराध के मामले में पूरे देश में बिहार 22वें स्थान पर है लेकिन अभी भी दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या के मामले में अपराध हमारे यहां बहुत है क्योंकि यू0पी0 के बाद हम दूसरे नंबर पर हैं, जो बहुत ही शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप संकल्प लीजिए कि जो लोग अपने बच्चों की शादी दहेज लेकर कर रहे हैं, उनके विवाह समारोह में शामिल नहीं होंगे तो वह बदनामी और शिकायत के डर से दहेज लेना बंद कर देगा। अगर आप ऐसा करते हैं तो यकीन मानिए कि दहेज प्रथा से समाज को छुटकारा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले चंद संपन्न परिवारों में दहेज प्रथा प्रचलित थी, जो फैलकर अब गरीब-गुरबों तक आ गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह दोनों एक दूसरे से जुड़ा हुआ है क्योंकि दहेज के कारण अधिकांश परिवार अपनी बेटी की शादी छोटी उम्र में ही कर देते हैं। अगर बेटी बड़ी हो गई तो दहेज ज्यादा देना पड़ेगा जिसका दुष्परिणाम है कि कम उम्र में महिलाएं गर्भधारण करती हैं तो वह या तो मौत की शिकार हो जाती हैं या उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं, वह मंदबुद्धि और बौनेपन के शिकार होते हैं और कई बीमारियों से जूझते हुए भी पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य न्याय के साथ विकास का है इसके साथ ही समाज में सुधार भी लाना है, जिसके लिए निरंतर सशक्त अभियान भी चलाया जा रहा है। पहले जहां शराबबंदी और नशामुक्ति को लेकर अभियान शुरू किया गया था, वहीं अब दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ पूरे बिहार में सशक्त अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि विकास का लाभ तभी लोगों तक वास्तविक रूप में पहुंच पाएगा, जब हम समाज से कुरीतियों को खत्म करने में कामयाब होंगे। जनसभा में मौजूद लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में चार करोड़ से अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था, ऐसे में मुझे पूरा यकीन है कि इस बार 21 जनवरी 2018 जिसमें अब मात्र 17 दिन बचे हंै, उस दिन बनने वाली मानव श्रृंखला जो दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ है, उसमें पिछली बार से भी अधिक लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराकर बिहार की छवि सुधारने में अपना योगदान देंगे और लोगों को मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए प्रेरित भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जिनलोगों ने इस सभा में हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में शामिल होने को लेकर अपनी सहमति जताई है और संकल्प लिया है वह जरूर शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के संबोधन के समापन के बाद जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। जनसभा को मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन सह मधेपुरा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषि देव, पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र नारायण यादव, विधायक श्री निरंजन मेहता, विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेशक श्री पी.के. ठाकुर ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर श्री एन.के. सिंह, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, पूर्व सांसद श्री रविंद्र कुमार रवि, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सचिव वित्त श्री राहुल सिंह, सचिव ग्रामीण कार्य व पीएचईडी श्री विनय कुमार, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री अरविंद चैधरी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, कोसी प्रमंडल आयुक्त श्री टी.एन. बिंदेश्वरी, जिलाधिकारी मो0 सोहैल, पुलिस अधीक्षक श्री विकास कुमार सहित अन्य कई वरीय अधिकारीगण, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।
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