नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव की फांसी पर हेग स्थित अतरराष्ट्रीय कोर्ट(आईसीजे) ने भारत और पाकिस्तान की दलीलें सुनने के बाद भारत के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए जाधव की फांसी पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगा दी है। 11 जजों की बैंच के सदस्य जस्टिस रॉनी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आता तब तक फांसी पर रोक लगी रहेगी। साथ ही अदालत ने कहा कि अगर पाकिस्तान यह फैसला नहीं मानता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जाधव का कांसुलए एक्सेस ना देकर इसे विएना संधि यानि विएना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेंशस (वीसीसीआर) का सरासर उल्लंघन करार देते हुए संयुक्त राष्ट्र के न्यायिक अंग आईसीजे से फौरन हस्तक्षेप की मांग की है। अतीत की कुछ वो घटनाएं जब अपने देश के नागरिकों की फांसी की सज़ा रोकने के लिए उन देशों ने आईसीजे में इंसाफ की गुहार लगाई |
कोर्ट ने भारत के पक्ष को मानते हुए कहा कि भारत ने कुलभूषण को अपना नागरिक माना और उससे मिलने की अपील की लेकिन पाकिस्तान कुलभूषण को कउंसलर हेल्प देने में असफल रहा। कुलभूषण को कानूनी मदद मिलनी चाहिए। वियना संधि के तहत आतंक और जासूसी के मामलों की सुनवाई कर सकती है कोर्ट।
पाकिस्तान ने कहा- जाधव के पास अपील के हैं 50 दिन
पाकिस्तान ने आईसीजे में सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें रखते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है और वह इस लायक नहीं है कि उसका कांसुलर एक्सेस दिया जाए। पाकिस्तान ने आगे कहा कि जाधव मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत के दायरे में नहीं आता है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।
भारत ने कहा- पाक कब जाधव को मार देगा, पता नहीं
जबकि, भारत ने सबसे पहले जिरह करते हुए केस में अपनी तरफ से तथ्यों को सामने रखते हुए कुलभूषण जाधव केस को विएना संधि का सरासर उल्लंघन करार दिया। अब पाकिस्तान जाधव मामले में अपनी दलीलें पेश करेगा। दोनों पक्षों को 90 मिनट का समय दिया गया है।
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