
पटना: अभी तक ऐसा कोई टकसाल नहीं बना है जो मुझे खरीद सके. ये कहना है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सृजन घोटाले पर नीतीश बृहस्पतिवार शाम को जनता दल यूनाइटेड विधान मंडल दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे. नीतीश ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आठ अगस्त को ही उनके संज्ञान में यह मामला आया और नौ अगस्त को उन्होंने इसकी सार्वजनिक जानकारी भी दी। उससे पहले किसी को कुछ नहीं मालूम था। सीएम ने कहा कि चाहे वे किसी भी दल के हों या कितने ही रसूख वाले ही क्यों न हों, उन पर कार्रवाई की जायेगी?
उन्होंने कहा कि इस मामले को उजागर उन्होंने ख़ुद किया और आर्थिक अपराध इकाई को जांच दी. फिर इस मामले में कई बैंकों की भूमिका देखते हुए जांच सीबीआई को दी. सीबीआई से इस मामले की जांच की अधिसूचना जारी हो चुकी हैं और अगले दो दिनों में एजेंसी शुरू भी कर देगी.
सीएम ने कहा कि राजद के बड़े नेता हताशा की पराकाष्ठा पर पहुंच गये हैं। जिस तरह की भाषा की वह बात कर रहे हैं, उसका परिणाम आने वाले समय में दिखेगा। अगले दल महीने में समझ में आ जायेगा कि जो लोग उनके साथ हैं वो कहां रहेंगे, अभी तो कुछ लोगों में सत्ता जाने का गम है। आने वाले समय में राजनीतिक दम निकलने वाला है।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर नीतीश ने साफ कहा कि लोग हताशा में चाहे जो भी आरोप लगा रहे हों लेकिन उनमें कोई दम नहीं है. नीतीश ने माना कि व्यवस्था में ख़ामियां हैं जिसका फायदा घोटालेबाज़ उठा रहे थे लेकिन अब ऐसी अचूक व्यवस्था की जाएगी जिससे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. हालांकि नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि 2003 से ये घोटाला चल रहा था.
इस बीच राबड़ी देवी ने आरोप लगाया है कि इस मामले के कुछ मुख्य गवाह जोकि आरोपी भी हैं, उनको ख़त्म किया जा रहा है. राबड़ी देवी का कहना है कि पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का आरोप है कि सृजन घोटाला सत्ता के संरक्षण में चल रहा था. शिवानंद तिवारी ने कहा कि दो बार 2008 और 2013 में ये घोटाला किसी ना किसी तरीक़े से उजागर हुआ लेकिन इस मामले को जांच की आड़ में दबा दिया गया. विधानसभा सत्र में सृजन घोटाला छाया रहा है लेकिन हंगामे के अलावा अभी तक इस मुद्दे पर बहस नहीं हो पाई है |
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