महंगाई में कमी के रुझान को देखते हुए रिजर्व बैंक अगले वर्ष फरवरी में जारी होने वाली रिण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवा देने वाली कंपनी मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई की नीतिगत दरों में कटौती पूरी तरह से महंगाई के रुझान पर निर्भर करेगी। हालांकि मार्च 2015 तक महंगाई के छह प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
उसने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुसार हमें भी अगले वर्ष मार्च में महंगाई के छह प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान आरबीआई जिंसों की कीमत, वित्तीय घाटा और ग्रामीण क्षेत्रों में वेतन वृद्धि के रुझानों के अनुसार ही ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। हमें विश्वास है कि केंद्रीय बैंक दरों में अगले फरवरी या मार्च में पहली कटौती कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक देश में महंगाई के जोखिम को ध्यान में रखते हुए मार्च 2015 में ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत से एक प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। यह जोखिम उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से नीतिगत कार्रवाइयों की गति और बाह्य स्तर पर मांग सुधरने जैसे दो महत्वपूर्ण कारकों से प्रभावित होंगे।