स्वामी विवेकानंद =============== १२ जनवरी १८६३/युवा दिवस ====================== स्वामी विवेकानन्द का जन्म १२ जनवरी १८६३ में कलकत्ता शहर में हुआ था. उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. छोटी आयु में ही उनकी रुचि आध्यात्म की ओर थी. हिन्दू धर्म प्रवर्तक, आध्यात्मिकता से परिपूर्ण, वेदों के ज्ञाता स्वामी विवेकानंद ने अपने महान व अनमोल विचारों और आध्यात्मिक ज्ञान से समस्त मानव और विशेषकर युवाओं को नई राय दिखाई है. यही कारण है कि उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत कहा जाता है और…
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राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव
राजनीति अपनी जगह है लेकिन राम मंदिर करोडों भारतीयों के लिए आस्था का विषय है। राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आज के भारत का मिजाज़, अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन बाद यहां परंपरा का उत्सव भी होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण तथा भगवान रामलला की…
Read Moreखेलों में राजनीति खेल और खिलाड़ी दोनों के लिए चिंताजनक
खेल संघों पर राजनेता नहीं, खेल प्रतिभाओं को विराजमान करना चाहिए। इन संस्थाओं में पदाधिकारियों का कार्यकाल भी निश्चित होना चाहिए एवं एक टर्म से ज्यादा किसी को भी पद-भार नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार की बंदिशों के बावजूद अधिकांश खेल संघों पर राजनेताओं का कब्जा है। इनमें बड़ा भ्रष्टाचार व्याप्त है, जो वास्तविक खेल प्रतिभाओं को आगे नहीं आने देती। यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फेडरेशनों के अंदर कारगर तंत्र बनाने पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए। सरकार का यह कर्तव्य है कि खिलाड़ियों को सुरक्षित व…
Read Moreहमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में सदियों से रचे बसे है श्रीराम
राम नाम है हर जगह, राम जाप चहुंओर। चाहे जाकर देख लो, नभ तल के हर छोर।। श्रीराम हमारे मन में बसे, श्रीराम हमारी संस्कृति है, हमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में सदियों से रचे बसे है श्रीराम। रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 रामकथा का नया अध्याय है, यह 493 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का अपना ‘उत्तरकांड’ है। अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की ‘अग्निपरीक्षा’ भी अब पूरी हुई। आधुनिक भारत का राममंदिर सत्य, अहिंसा…
Read Moreसोशल मीडिया पर नग्नता का नंगा नाच
जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो। इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता…
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